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Kamvasna

Wild Sex Kahani

चुत की सील तोड़कर प्रेगनेंट किया

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Wild Sex Kahani में मैं बुआ के घर गई. बुआ अस्पताल में थी. एक रात मैंने फूफाजी को मुठ मारते देखा. उन्होंने भी मुझे देख लिया. वे मेरे कमरे में आ गए.

नमस्कार, मेरा नाम रेनू है.
मेरी उम्र 23 साल है और मैं कालेज में फाइनल इयर में पढ़ रही हूं.

कालेज में लड़के और टीचर सब मुझे चोदने की फिराक में लगे रहते हैं.
मेरे बूब्स 34D साइज़ के हैं, कमर 30 की और गांड 36 इंच की है.

मैं गज़ब की सेक्सी माल हूँ. मैं अपने यौवन काल में जवान तो थी ही और मेरी कामेक्षा भी अधिक हो गई थी क्योंकि बस में आते जाते सब मेरी चूचियों पर और गांड पर हाथ फेर दिया करते थे.

आज मैं अपने जीवन की एकदम सच्ची और रोमांचक घटना बताने जा रही हूँ.
वह घटना आज भी मुझे उत्तेजित करती है.

यह Wild Sex Kahani कुछ साल पहले की है.

मेरे फूफ़ा जी की बीवी यानि बुआ जी की तबियत बहुत खराब थी और उनके घर पर उनकी देखभाल के लिए कोई नहीं था.
मेरे माता-पिता ने मुझे उनके घर जाने को कहा.
तो मैं वहां चली गई और अपनी बुआ जी की देखभाल में लग गई.

एक दिन सुबह बुआ जी की तबियत ज्यादा ही खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.
उनकी बच्चेदानी में घाव हो जाने से इन्फेक्शन बढ़ गया था.

अस्पताल में दिन में तो मैं उनके साथ रहती, पर शाम को वापस घर आ जाती.

घर में मैं फूफाजी के लिए खाना बनाती और हम दोनों साथ में ही शाम का खाना खाते.

फ़िर सारे दिन की बातें करते और अपने-अपने कमरे में सोने चले जाते.

एक रात मैं जब पेशाब करने बाहर गई तो मैंने फूफाजी के कमरे के दरवाजा खुला देखा और उसमें से रोशनी आती देखी.

मैंने सोचा कि शायद फूफाजी को कोई परेशानी होगी, इसलिए अन्दर उनसे पूछने चली गई.
जब मैंने अन्दर देखा, तो मेरे होश ही उड़ गए.

मैंने देखा कि वे अपनी आंखें बन्द किए हुए अपने लंड को जोर-जोर से हिला रहे हैं.
यह नजारा देखते ही मैं वापस अपने कमरे की और दौड़ पड़ी.

मैं सोने की कोशिश करने लगी, पर मुझे नींद ही नहीं आ रही थी.
मेरे दिमाग में बस उनके विशालकाय लंड की ही छवि आ रही थी.

मैंने आज तक इतना बड़ा लंबा मोटा लंड नहीं देखा था.
मुझे भी अपनी चुत की गर्मी व उसमें खुजली महसूस होने लगी.

मेरे हाथ खुद व खुद मेरी चुत पर चले गए.
मैं अपनी चुत को रगड़ने लगी.

करीब 5 मिनट ही हुए होंगे कि मैंने किसी के अन्दर आने की आहट सुनी.
इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती कि किसी ने मेरे ऊपर आते हुए मुझे कस कर पकड़ लिया.

मैं चिल्लाना चाहती थी, पर उन्होंने अपने हाथ से मेरी आवाज बन्द कर दी.
फिर एक आवाज आई- रेनू, तुम बहुत खूबसूरत और सेक्सी लड़की हो … और मैं भी प्यासा हूँ. क्यों न हम दोनों एक-दूसरे की मदद करके इस आग को शान्त कर दें.

यह कह कर उन्होंने अपना हाथ मेरे मुँह से हटाया और वे मेरे ऊपर से उठ गए.
अब उन्होंने लाइट जला दी.

मेरे सामने फूफा जी खड़े थे.

मैंने कहा- यह आप क्या कह रहे हैं, मैं आपकी बेटी की तरह हूँ.
उन्होंने कहा- जरूरत इन्सान को बदल देती है!

मैंने उनसे कहा कि आप जाएं.
पर वे बस मुझे मनाने में लगे रहे और उन्होंने मुझे वापस से दबोच लिया.

वे मेरी दोनों चूचियों को दबा कर मसलने लगे. अपने होंठ मेरे होंठों से लगा कर चूसने लगे.
मुझे मजा आ रहा था, मैं उनसे सहयोग कर रही थी पर दिखावे के लिए मैंने उनकी गिरफ्त से बाहर निकल जाने की कोशिश की लेकिन फूफा जी ने मुझे ताक़त से दबोच रखा था.

उन्होंने मुझे दबोचे हुए ही मेरी टी-शर्ट ऊपर को उठा कर निकाल दी.
मैं ऊपर से नंगी हो गई.

अब फूफा जी मेरी दोनों चूचियों को पकड़ कर एक को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे, वे निप्पल को मुँह में लेकर काटने लगे … व दूसरी चूची को अपने हाथ से मसलने लगे.

उन्होंने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया और वापस मेरे ऊपर चढ़ गए.
उन्होंने मुझे ऊपर से नीचे तक चूमना और चूसना शुरू कर दिया, मुझे जरा भी नहीं लगा कि वह कोई 50 साल के बुजुर्ग हैं.
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई 30 साल का जवान मर्द मेरे ऊपर चढ़ा है.

करीब दस मिनट के बाद वे थोड़ा रुके और मुझसे कहने लगे- रेनू, तुम बहुत खूबसूरत हो. तुम्हारा जिस्म एकदम फूल की तरह कोमल है.
मैं बस शर्माती हुई उनकी बातें सुन रही थी.

वे बस मेरी तारीफ़ करते और चूमते रहे.
उन्होंने मुझे चूम चूस कर मेरे शरीर पर, चूचियों पर, दोनों निप्पलों पर निशान बना दिए.

मेरी कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं- आआ हहह ऊऊह … इइइ.
फूफा जी ने अब अपना अंडरवियर भी उतार दिया था.

उनका लंड फनफना रहा था.
उसके रौद्र रूप को देख कर मैं डर रही थी कि इतना बड़ा लंबा मोटा लंड मेरी गुलाबी चुत में कैसे जाएगा.
उनका लंड करीब 8 इंच लम्बा और गोलाई में लगभग 4 इंच मोटा था.

वह चुदाई के खिलाड़ी भी थे.
उन्होंने बुआ को चोद चोद कर उनकी ऐसी हालत कर दी थी कि वे आज अस्पताल में भर्ती थीं.

मैं अभी कुंवारी लड़की थी.

तभी उन्होंने मेरी टांगों को फ़ैला दिया, खुद अपने आपको वहां चुदाई की पोजीशन में सैट कर लिया.
फिर फूफा जी अपने लम्बे मोटे लंड को मेरी चुत में रगड़ते हुए मुझे चूमने लगे.

अपनी चुत पर उनके गर्म लंड की तपिश से मैं मस्त होने लगी और अपनी गांड उठाती हुई उनके लंड को चुनौती देने लगी.

अब उन्होंने मेरे मम्मों को चूसना शुरू किया.
उनका एक हाथ मेरी एक चूची पर था, जिसे वे जोर-जोर से मसल रहे थे और दूसरी चूची को अपने मुँह में लेकर चूस रहे थे.

मुझे अजीब सा दर्द और मजा का अहसास हो रहा था.
मेरे मुँह से वासना से लबरेज सिसकारियां निकलने लगी थीं.

अब वे नीचे की तरफ़ आने लगे और अचानक से उन्होंने अपना मुँह मेरी चुत से लगा दिया.
चुत पर उनका मुँह पाते ही मेरी सिसकी निकल गई- ऊई मां … मररर गई!

मैं उठ कर बैठने लगी, पर उन्होंने मुझे दबोचते हुए वापस लिटा दिया.

मैंने कहा- ये क्या कर रहे हैं?
उन्होंने कहा- तुम्हें मज़ा आएगा … बस लेटी रहो.

उन्होंने मेरी चुत चाटना शुरू कर दिया मेरी चुत और गीली होने लगी.
मुझे काफी मज़ा आने लगा.

मैंने उनका सिर अपनी चुत की ओर खींचना शुरू कर दिया.

वे मेरी गुलाबी चुत को भींच कर चूसने लगे.
मैं अपनी गांड को उछालने लगी.

मेरी कामुक आहें और कराहें निकलने लगीं ‘ईईई … उम्म आह उईई मम्मी!

कुछ ही देर में मेरी हालत खराब होने लगी.
मैंने सिसकारते हुए कहा- मैं झड़ने वाली हूँ!

यह सुनकर तो वे और जोर से चुत चाटने लगे.
फ़िर मैं भलभला कर झड़ गई.

फूफा जी मेरी चुत का सारा पानी पी गए.

अब वे वहां से ऊपर आए और मुझसे बोले- तुम्हारी चुत कितना ज्यादा पानी निकालती है! अब तुम मेरे लंड को प्यार करो.

मैं अपने हाथ से उनका लौड़ा हिलाने लगी.
उनका लंड काफी मोटा था.

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे लंड मुँह में लेने को कहा.
पर मैंने मना किया.

फ़िर उन्होंने जिद की तो मैंने अपने मुँह में फूफा जी का लंड लेकर चूसना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- अब बस करो … चलो चुदाई करते हैं.

यह कह कर उन्होंने मेरी कमर के नीचे एक तकिया रखा और मेरी जांघों को खोल दिया, फिर मेरी चुत पर थूक लगा दिया और अपने लंड से चूत को रगड़ने लगे.
मैं मस्त होने लगी थी.

फ़िर वे झुके और मुझे कस कर पकड़ लिया.
उन्होंने मुझसे कहा- मेरे लौड़े को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चुत के छेद में लगा दो.

मैंने फूफा जी के लंड को पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर रखा और तभी फूफा जी ने जोर से धक्का लगा दिया.

उस तेज झटके से उनके फौलादी लंड का सुपारा मेरी चुत को चीरते हुए अन्दर घुस चुका था.

मेरी ज़ोर से चीख निकल गई ‘ऊई मां … मरर गई ऊईई मम्मी आह फट गई मेरी आह छोड़ दो आह!’
मुझे अपनी चुत में तेज खिंचाव सा महसूस होने लगा.

अचानक फूफा जी ने एक और जोर का धक्का मारा और उनका लंड मेरी चुत की सील तोड़ते हुए पूरा अन्दर घुसता चला गया.
मेरी आंखों की पुतलियां भय से फैल गईं और आवाज बंद हो गई.
मेरी चुत से खून निकलने लगा.

एक दो पल की इसी भयानक स्थिति के बाद जैसे ही फूफा जी ने अपने लंड को जरा सा हिलाया, तो मेरी चेतना वापस आ गई और मैं चीख पड़ी ‘ऊई मां … ऊईई मरर गई!’

मेरी आंखों से आंसुओं की धार बह रही थी और मैं कलप कर रोने लगी थी.
फूफा जी बोले- बस हो गया … थोड़ी देर में मजा आने लगेगा.

यह कह कर वे मुझे चूमने लगे. मेरे होंठों को चूसने लगे, मेरी जुबान को चूसने लगे. मेरे मुँह से निकलते रस को पीने लगे.
मुझे प्रतीत होने लगा कि मेरा दर्द कम सा होने लगा है.

फ़िर फूफा जी ने मुझसे कहा- रेनू जानू बस थोड़ा सा दर्द सहन कर लो. क्या तुम तैयार हो … तो मैं धक्के मारना शुरू करूँ.

मैंने कहा- दर्द तो अभी भी हो रहा है. लेकिन पहले से कम हुआ है. आप धीरे धीरे से करो.

फूफा जी थोड़ी देर रुक कर मुझे सहलाते रहे और अपने लौड़े को मेरी चुत में डाले हुए ही हिलाते रहे.

मुझे भी अच्छा लगने लगा था.
शायद मेरी चुत फैल गई थी और उसने लंड को अपने अन्दर समायोजित कर लिया था.

फिर मैंने अपनी कमर को जुंबिश दी तो फूफा जी समझ गए और वे अब मेरी चुत में लंड को आगे पीछे करने लगे.

मुझे दर्द के साथ साथ मीठा मजा आने लगा.

तभी उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और वे जोर जोर से धक्का लगा कर मुझे चोदने लगे.
मेरी गर्म सिसकारियां निकलने लगीं- आआ हहह ऊऊऊह इस्स इइइ!

फूफा जी का लंड मेरी चुत में फंस फंस कर तेजी से अन्दर बाहर होने लगा ‘आआह ऊँह आह धीरे करो आह मर ईई उम्म!’

कुछ देर बाद फूफा जी ने देखा कि मेरी मस्ती भरी आवाजें निकलने लगी थीं.
अब उन्होंने लंड को सुपारे तक बाहर खींचा और मेरी दोनों टांगें उठा कर अपने कंधों पर ऊपर रख दीं.

उन्होंने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.
कमरे में जोर से मेरी तेज आवाज में कामुक सिसकारियां निकलने लगीं ‘आह आह मजा आ रहा है फूफा जी आह!’

उनके पोते मेरी गांड पर फट फट की आवाज तेज ध्वनि में निकालने लगे.
मेरी चुत से रस निकल गया था तो अब फच फच पट पट फट फट की मधुर आवाज गूंज रही थी.

फूफा जी का मूसल जैसा लम्बा मोटा लंड मेरी बच्चेदानी तक घुस रहा था.

अपनी बच्चेदानी तक लंड की धमक से मुझे बेहद सुख मिल रहा था और मैं मदहोश हो गई थी.

तभी मेरा शरीर अकड़ने लगा और मेरी चुत से ढेर सारा पानी निकल गया.
मैं झड़ने लगी और मैंने अपनी बांहों का हार फूफा जी के गले में डाल दिया.
वे मेरे सीने पर सिमट आए तो मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

मैं फूफा जी को समर्पित हो गई और उन्हें अपनी बांहों में भर कर जोर से भींच लिया.
अब उन्होंने मेरे जिस्म को रगड़ते हुए मेरी चुत में धक्के लगाना शुरू कर दिए.

मैं फिर से चार्ज हो गई और अपनी गांड को बिस्तर के सहारे से रगड़ती हुई लंड से लड़ने लगी.
हम दोनों काफी गर्म हो चुके थे और एक-दूसरे का भरपूर साथ दे रहे थे.

मैं उनके हर धक्के का जबाव अब अपनी कमर को और अपनी गांड को उचका कर दे रही थी.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- क्या तुम ऊपर आना चाहोगी?

मैंने कहा- ठीक है … शायद आप थक गए हैं.
उन्होंने मुझे उनको पकड़ने को कहा और एक हाथ मेरे चूतड़ों पर रख कर मुझे अपनी ओर खींचते हुए कहा- बस लंड को बाहर मत आने देना.

मैंने वैसा ही किया और अपनी चूत से उनका लौड़ा निकाले बिना ही मैं उनके ऊपर आ गई.
उन्होंने मुझसे चुदाई करने को कहा और मैं धक्के लगाने लगी.

थोड़ी देर बाद वे भी नीचे से धक्के लगाने लगे.
कुछ देर यूं ही मस्त चुदाई चली.

वे मेरे दूध को अपने मुँह में लेकर मेरी चुत को नीचे से धक्का देते हुए चोद रहे थे.
मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूँ तो मैंने अपने दांतों को दांतों से पीसते हुए धक्के तेज़ कर दिए.
कुछ ही देर में मैं दोबारा झड़ गई और उनके ऊपर लेट गई.

पर वे अभी भी बाकी थे तो नीचे से मेरी चुत में धक्के लगाते रहे.
फूफा जी समझ चुके थे कि मैं फिर से झड़ चुकी हूँ.

इसलिए उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया था … ताकि मैं अलग न हो सकूं.

तभी मैंने उनसे कहा- फूफा जी मुझे पेशाब लगी है.
यह सुनते ही उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम की ओर चल दिए.

मैंने कहा- ये क्या कर रहे है?
उन्होंने कहा- इतने साल के बाद चुत में लंड गया है. निकालने का मन नहीं हो रहा है.

उन्होंने मुझे बाथरूम में लटकाए हुए ही चुत से लंड निकाला और बोले- जल्दी से कर लो.
मैं उनके पेट पर लटकी थी और मैं उसी स्थिति में पेशाब करने लगी.

वे अपने लंड को हाथ से हिलाते हुए मुझे देखते रहे.
मैं जैसे ही फारिग हुई उन्होंने मुझे दीवार से लगा दिया, मेरी चुत में लंड पेल दिया और मुझे चोदने लगे.

कुछ देर बाद उन्होंने पोज बदला और मुझे एक पैर से खड़ी करके मुझे चोदने लगे.
बाद में मेरा दूसरा पैर भी उठा लिया.

अब मैं वापस हवा में झूल रही थी और वे मुझे दीवार से टिकाए हुए जोर-जोर से धक्के मार रहे थे.
उनके जिस्म से पसीना टपक रहा था.
उनकी सांसें तेज़ होती जा रही थीं.

इधर मेरी भी सिसकारियां तेज़ होने लगीं.

हम दोनों की आवाजें बाथरूम को गुंजा रही थीं.

मेरे मुँह से निकलने लगा- ऊऊऊऊ ईईई उम्म और अन्दर और अन्दर.
वह और तेज़ गति से चोद रहे थे.

उन्होंने मुझसे कहा- मेरा निकलने वाला है.
मैंने कहा- फूफा जी, अन्दर ही निकाल दो.

फिर कुछ जोरदार धक्कों के साथ उन्होंने अपना ढेर सारा गाढ़ा गाढ़ा वीर्य मेरी चुत के अन्दर मेरी बच्चेदानी में निकाल दिया और मैं भी तीसरी बार झड़ गई.
करीब 5 मिनट तक हम दोनों उसी अवस्था में पड़े रहे.

फ़िर हम अलग हुए. मैंने अपनी चुत को साफ़ किया और फूफा जी के लंड को पकड़ कर साफ़ किया.
हम दोनों कमरे में आ गए.

कुछ आराम के बाद फूफा जी फ़िर से शुरू हो गए. वापस से बेड पर लिटा कर मेरी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगे.
इस बार मैं शुरू से उनका भरपूर सहयोग कर रही थी.

उस रात फूफा जी ने मेरी 3 बार जमकर चुदाई की.
फूफा जी ने हर बार मेरी चुत में अपना गाढ़ा गाढ़ा वीर्य बच्चेदानी तक भर दिया था.
मेरी चुत बुरी तरह से सूज कर मोटी और भरी भरी सी हो गई थी.

सुबह हम दोनों की हालत खराब हो चुकी थी.
पूरे जिस्म में दर्द था.
सुबह तो मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.
मेरी जांघों में, चुत में दर्द और अकड़न सी हो गई थी.

मेरी दोनों चूचियों में दर्द था और वे उठ कर तन सी गई थीं.
मैं उनके यहां करीब 30 दिन रुकी थी और फूफा जी हर रात मुझे अपनी बीवी की तरह मुझे खूब चोदते रहे थे.

हर दिन हम दोनों ने जी भर कर चुदाई की.
यहां तक कि जब दिन में मौका मिलता, तब भी लंड चूत का खेल शुरू हो जाता था.

पूरे घर में में ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां फूफा जी ने मुझे ना चोदा हो.
Xxx वाइल्ड रफ सेक्स करके मुझे चोद चोद कर लड़की से भरपूर औरत बना दिया.

एक बार तो फूफा जी ने मुझे बुआ जी की शादी की साड़ी में मुझे अपनी दुल्हन बनाकर मेरी मांग में सिंदूर भरकर सुहागरात भी मनाई.

मैं जब तक फूफा जी के पास रही, उनकी बीवी की तरह चुदती थी.
मैं अब फूफा जी को बुआ जी की कमी महसूस नहीं होने देती थी.

नतीजा यह हुआ कि मैं फूफा जी के वीर्य से गर्भवती हो गई.
यह बात मैंने फूफा जी को बताई कि मैं आपके बच्चे की मां बनने वाली हूँ.

उस रात फूफा जी ने मुझे खुशी से खूब जमकर चोदा.
बच्चे का सुनकर उस रात उन्होंने मेरी चुत की तरह ही मेरी गांड का भी उद्घाटन करते हुए मेरी गांड की सील तोड़ी.

उस रात फूफा जी ने मेरी 3 बार चुत चोदी और 2 बार मेरी गांड मारी.

मैंने जैसा सोचा था, उसका उल्टा हुआ था.
पचास साल के होने के बाद भी उनमें एक 30 साल के जवान मर्द की तरह ताकत थी जिसको मैं अच्छी तरह से भुगत रही थी.

फिर फूफा जी ने किसी जानकार महिला डाक्टर से बच्चे की सफाई करवा कर गिरवा दिया.

अब जब भी हमें मौका मिलता है और जब मैं फूफा जी के यहां जाना होता है, तो मैं खुद उनसे चुदने के लिए मचलती हूँ.

मौका मिलते ही फूफा जी मेरी जमकर चुदाई करते हैं.

मैं आपकी रिया, आपसे जानना चाहती हूँ कि आपको मेरी सहेली रेनू की चुदाई की Wild Sex Kahani कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
kamvasnastories69@gmail.com

मेरी पिछली कहानी थी: अम्मी भाभी के बाद बहनों को चोदा

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