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Kamvasna

टीन इंडियन सेक्स स्टोरीज़

भाई की साली की चूत चोदने को मिली

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(Teen Indian sex stories)

टीन इंडियन सेक्स स्टोरीज़ में मेरे भी की साली ने हमारे घर आना था. मैं उसे स्टेशन से घर लाया. वह बहुत बोलती थी. मेरी नजर उसकी जवानी पर थी. उसे मैंने पहली बार चोदा.

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम लोकेश है.

मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ.
यह घटना अभी कुछ दिनों पहले ही घटी थी.

ये टीन इंडियन सेक्स स्टोरीज़ मेरी और मेरे भाई की साली के बीच हुए सेक्स संबंध की है.

दरअसल, मेरे भाई की शादी कुछ दिनों पहले ही हुई है.
मेरे घर में मेरा भाई, भाभी, मम्मी-पापा और मैं रहते हैं.

मैं एनआईटी से एमसीए की पढ़ाई कर रहा हूँ.
मेरी छुट्टियां हो गई थीं तो मैं घर जाने लगा.

घर पहुंचते ही मैं सबसे मिला.
तभी मुझे पता चला कि मेरी भाभी की बहन, जिसका नाम शालिनी है, वह आने वाली है.
मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था.

उसे स्टेशन से घर लाने की ज़िम्मेदारी भाभी ने मुझे दे दी.

मैं अपने बारे में बताना तो भूल ही गया.
मेरी उम्र 20 साल है.
आप तो जानते ही होंगे कि इस उम्र के लड़के लड़कियों के प्रति कितने उत्तेजित रहते हैं.

शाम को मैं गाड़ी लेकर निकल गया.
वहां पहुंच कर मैंने उसे कॉल किया और एक खास जगह पर आने को कहा.

जैसे ही मैंने उसे देखा, बस देखता ही रह गया.
वह गज़ब की माल लग रही थी. उसका फिगर 34-30-36 का था.

उसे देखते ही मेरे लंड के मुँह में पानी आ गया और मैं सोचने लगा कि इसको अपने लौड़े के नीचे लाने का जुगाड़ कैसे किया जाए.

खैर … अभी तो मुझे उसे घर ले जाना था.
मैं उसे पटाने के लिए रास्ते में उससे मज़ेदार बातें करता हुआ घर की ओर चल पड़ा.

वह भी मुझसे पटर पटर बातें कर रही थी.

उसकी तरफ से इस तरह से खुल कर बातें करने से मुझे उम्मीद हो गई थी कि लौंडिया लौड़े के नीचे आसानी से आ जाएगी.

घर पहुंच कर वह सबसे मिली.
मेरी नज़र उस पर गड़ चुकी थी. मैं पूरी प्लानिंग में था कि इसे कैसे सिड्यूस किया जाए.

वह फ्रेश होने के लिए बाथरूम की ओर देखने लगी लेकिन उसमें भाई नहा रहे थे तो भाभी ने उससे छत के बाथरूम को इस्तेमाल करने को कहा.

भाभी ने मुझे उसे वहां ले जाने के लिए भेज दिया.

वह नहाने चली गई.
उसे लगा कि मैं नीचे आ गया हूँ, तो उसने दरवाज़ा लॉक नहीं किया.
मैं वहीं छत पर घूम रहा था.

जब मैंने बाथरूम के दरवाजे की झिरी से अन्दर झांका तो नज़ारा देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और वह गदराया हुआ माल लग रही थी.
उसने अपने दूध मसलने शुरू किए और आह आह करती हुई वह अपनी चूत सहलाने लगी.

उसकी हालत देख कर साफ समझ आ रहा था कि लड़की चुदासी है और उसे एक सख्त लंड की जरूरत है.

मैं उसे चूत में उंगली करते देख कर अपने लौड़े को सहलाने लगा.
कुछ देर बाद वह नहाकर कपड़े पहनने लगी तो मैं बाथरूम से दूर होकर छत पर टहलने लगा.

वह बाहर निकली और मुझे देख कर मुस्कुराती हुई नीचे चली गई.

उसके नीचे जाते ही मैं बाथरूम के अन्दर गया तो देखा कि उसने अपनी पैंटी धोकर तिपाई पर रख दी थी.

मुझे अपना लंड शांत करना था तो मैंने उसी पैंटी में मुठ मारना शुरू कर दी और माल उसी में गिरा दिया.

तभी किसी के आने की आवाज़ हुई और मैं जल्दी जल्दी फारिग होकर बाथरूम से बाहर निकल आया.
वह पैंटी लेने आई थी.

अपनी पैंटी की हालत को देखकर वह समझ गई कि मेरी नज़र उस पर है, तो वह भी मुझे लाइन देने लगी.

वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा कर चली गई.
उसे मुस्कुराता हुआ देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मैं मौके की तलाश में था कि कब मौका मिले और मैं इसे चोद डालूँ.

रात को सबने खाना खाया और सोने लगे.
वह भाभी के पास सो रही थी और मैं अपने कमरे में.

मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं सोच रहा था कि बात कैसे बने.

थोड़ी देर बाद मैंने आहट सुनी.

मैंने उठकर देखा तो वह टॉयलेट गई थी.

तब मैंने उसे हल्की सी आवाज़ दी और अपने कमरे में आने को कहा.

वह मना कर रही थी पर आखिरकार मान गई.

मेरे पास आकर बोली- हम्म … क्या काम है?
मैंने कहा- यदि नींद नहीं आ रही हो तो कुछ देर बात करते हैं!

वह एक पल चुप रही, फिर बैठ गई.
मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया.

वह भी समझ रही थी कि आधी रात को बात करने का क्या मतलब होता है.

वह बोली- अब जा रही हूँ … आप भी सो जाओ.
मैंने उससे वहीं सोने को कहा.

वह हंस कर बोली- यदि दीदी जाग गईं तो लफड़ा हो जाएगा.

जब उसने लफड़ा शब्द का इस्तेमाल किया तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और वह कटी पतंग सी मेरी बांहों में आ गिरी.

मैंने कहा गया- अरे कुछ नहीं होगा यार, थीड़ी देर रुक जाओ, बाद में चली जाना.
वह कसमसाती हुई मुझसे खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी कोशिश में छुड़ाना कम था, मुझसे चिपकना ज्यादा था.

कुछ पल बाद वह मेरे पास लेट गई.
मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया.

वह हल्का सा विरोध करने लगी- यह सब नहीं करो प्लीज!

मैंने कहा- क्यों मन नहीं है क्या?
वह बोली- किस चीज का मन?

मैंने उसकी एक चूची को सहलाते हुए कहा- कुश्ती लड़ने का!
वह हंस दी और बोली- कुश्ती तो अखाड़े में होती है!

मैंने कहा- हां तो यह अखाड़ा ही तो है. बस लंगोट में आने की देरी है!
वह हंसने लगी और मेरे सीने पर मुक्का मारने लगी.

मैंने उससे बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो उसने कहा- अभी तक कोई नहीं मिला.
फिर मैंने पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है?

उसने मना कर दिया.

मैंने कहा- आग तो बहुत ज्यादा लगी है तुमको?
वह बोली- तुमको कैसे मालूम?

मैंने कहा- बस मालूम है!
वह बोली- बताओ न!

मैंने कहा- सुबह देखा था मैंने …
वह बोली- बहुत गंदे हो तुम … मेरी पैंटी खराब कर दी थी सुबह तुमने!

मैंने कहा- जो हरकत तुम कर रही थीं न … उसे देख कर तो मैं अन्दर नहीं घुसा, यही बड़ी गनीमत थी.
वह हंसने लगी.

अब मैंने एक हाथ उसकी चूची पर रख दिया.
वह सिहर उठी और झट से उसने मेरे होंठ चूम लिए.

हम दोनों करीब 5 मिनट तक किस करते रहे.
वह बोली- मैंने तुम्हारी नजरों को पहली बार में ही समझ लिया था.

मैंने कहा- हां और मैंने तुम्हारी छलकती जवानी को देखते ही मन बना लिया था कि आज तो तुम्हें अपने नीचे लेना ही है!

वह हंसने लगी.

फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया.
अब वह सिर्फ ब्रा में रह गई थी.

उसकी गोल-गोल चूचियां मुझे और उत्तेजित कर रही थीं.

फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और एक चूची को मुँह में ले लिया, दूसरी को हाथ से दबाने लगा.

वह कामुक सिसकारियां ले रही थी. उसके मुँह से उम … आह … उई माँ … जैसी आवाज़ें आ रही थीं.
उसने नीचे जींस पहनी थी, जिसे मैंने उतार फेंका.

अब वह सिर्फ पैंटी में रह गई थी.
उसकी चूत से पानी निकल रहा था.
उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी.

मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फेरा, तो वह उछल-सी गई.
मैंने उसकी पैंटी उतार कर उसकी चूत पर मुँह रख दिया.
उसकी चूत से एक अलग ही खुशबू आ रही थी.

मैंने उसकी चूत में जीभ डाल दी और छेड़ने लगा.
वह ऐसे तड़प रही थी, जैसे हवा में हो.

करीब पांच मिनट बाद वह झड़ गई और उसकी चूत का सारा पानी मैं पी गया.

मैंने शालिनी से पूछा- कैसा लगा?
वह वासना से बोली- अब और मत तड़पाओ. जल्दी से चोद डालो.

शालिनी ने मेरा पैंट खोला और अंडरवियर नीचे कर दिया.

मेरा लंड पहले से ही खड़ा था.
यह लगभग साढ़े छह इंच लंबा और तीन इंच मोटा है.

लंड देखकर वह डर गई और बोली- इसे मैं कैसे अन्दर लूँगी?
मैंने पहले उसे लंड को मुँह में लेने को कहा.

पहले तो वह मना करने लगी लेकिन बाद में मान गई.

वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी कि मुझे जन्नत का अहसास हो रहा था.

करीब पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद शालिनी बोली- अब अन्दर डाल दो, अब कंट्रोल नहीं होता.

मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा.

वह मदहोश सी होने लगी और बार-बार कह रही थी- अब जल्दी से डाल दो.

मैंने एक जोरदार झटका मारा, पर लंड स्लिप हो गया.

फिर उसने अपने हाथ से लंड को सैट किया और झटका मारने को कहा.

जैसे ही मैंने झटका मारा, मेरे लंड का टोपा अन्दर घुस गया.
वह जोर से चीखी- उई माँ … मर गई.

उसकी आंखों में आंसू आ गए.
वह लंड निकालने को कहने लगी पर मैं वैसे ही लेटा रहा.

मुझे भी थोड़ा दर्द हो रहा था क्योंकि ये मेरा पहला बार था.

फिर उसने इशारा किया तो मैंने एक और झटका दे मारा.

अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया.
वह बेड पर हाथ मारने लगी और चीखने ही वाली थी कि मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

वह कह रही थी- प्लीज लोकेश, इसे निकालो, बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसे समझाया- अब तुम्हें भी मजा आएगा.

थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा. अब वह कमर उछालने लगी.
मैं समझ गया और धीरे-धीरे झटके देने लगा.

वह मीठी सिसकारियां ले रही थी- उम्ह… आह … आह … उह … ईम.
ये मेरे जोश को और बढ़ा रहा था.

वह चिल्लाई- और जोर से चोदो.
ये सुनकर मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.

इस चुदाई के दौरान वह दो बार झड़ चुकी थी.

मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.
और वह जल्दी से बन गई.

मैंने पीछे से लंड घुसा दिया.

करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.

मैंने उससे पूछा- माल कहां गिराना है?
उसने कहा- अन्दर ही डाल दो.

कुछ ही पलों में वीर्य की पिचकारी से उसकी चूत भर गई.

अब हम दोनों नंगे ही वैसे लेटे रहे.
रात के बारह बज चुके थे.

करीब तीन बजे तक हमने दो बार और सेक्स किया.
फिर मैंने उसे भाभी के रूम में जाने को कहा.
भाभी अभी भी सो रही थीं, वे बेचारी घर के काम में थक जाती थीं.

सुबह जब मैंने शालिनी को देखा, तो उसने मुझे देखकर मुस्कुरा दिया.

मैंने भी हल्की-सी स्माइल पास की.

उससे ठीक से चला नहीं जा रहा था.
मैंने मेडिकल से गर्भनिरोधक गोली लाकर उसे दी.

शालिनी हमारे यहां दस दिन रुकी.

वैसे तो मुझे जल्दी निकलना था पर शालिनी की वजह से मैं भी घर पर ही रुका.
मैंने हर रात चूत का भोग लगाया.

अब जब भी हम मिलते हैं, सेक्स का जुगाड़ कर ही लेते हैं.

तो दोस्तो, आपको ये मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी?
एक कमेंट जरूर करना.
टीन इंडियन सेक्स स्टोरीज़ पर आप अपनी राय मेरी ईमेल kamvasnastories69@gmail.com पर भी मेल कीजियेगा.

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