Loading...

Kamvasna

Raveena Tandon Ki Gand Mari

रवीना टंडन की गांड मारी

What did you think of this story
 0 0

मेरा नाम आनन्द है। मैं कई सालों से कामवासना की हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ रहा हूँ। मैं आपके सामने एक कहानी लेकर हाज़िर हूँ। की कैसे मैंने Raveena Tandon Ki Gand Mari.

बात उन दिनों की है, जब मैं मुम्बई काम की तलाश में गया। वहाँ पर मेरा एक दोस्त था, मैं उसी के रूम पर रहता था। मुम्बई में दिन भर काम की तलाश करता.. लेकिन अब तक मुझे कोई काम नहीं मिला था।

आखिर में मैं हार मानकर वापस घर जाने का सोच रहा था लेकिन सोचा आज आखिरी दिन और काम ढूंढ लूँ।

सुबह खाना खाकर काम ढूंढने के लिए निकल पड़ा। शाम तक कोई काम नहीं मिला। फिर थककर वापस रूम पर जा ही रहा था, तभी मैंने देखा कि एक लड़की सामने पड़ी कराह रही है। मैं भागकर वहाँ पहुंचा तो देखा वो कोई और नहीं मशहूर अभिनेत्री रवीना टंडन थी। उनकी गाड़ी एक पेड़ से टकरा गई थी, इसलिए वो गाड़ी से बाहर गिर गईं और उनके पैर में मोच आ गई थी।

रवीना ने मुझसे कहा- तुम अपने फ़ोन से एक नंबर पर कॉल करो.. मेरा फ़ोन यहीं कहीं झाड़ियों में गिर गया है।
मैंने कहा- पहले आप खड़ी तो हो जाइए।

मैंने उनको सहारा देकर खड़ा किया और कार में बिठाया।
फिर मैंने कहा- मेरा फ़ोन चार्ज नहीं है, आप कहो तो मैं आपको आपके घर तक पहुँचा सकता हूँ, मुझे ड्राइविंग आती है।
रवीना ने कुछ सोचने के बाद कहा- ठीक है।
अब हम रवाना हो चुके थे। फिर उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा, तो मैंने कहा- जी मेरा नाम आनन्द है।
‘हम्म..’
मैंने कहा- रवीना जी मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूँ। प्लीज एक ओटोग्राफ तो दे ही देना।

उन्होंने कहा- तुमने मेरी मदद की है, ऑटोग्राफ तो मैं तुम्हें दे ही दूँगी, इसके अलावा भी तुम्हें कोई जरूरत हो तो बता देना।

मैं काम की तलाश में था और मैडम मुझसे कह रही थीं कि कोई जरूरत हो तो बता देना, मैं उनकी तरफ चूतियों की तरह से पलकें झपकाने लगा।

फिर रवीना ने पूछा- क्या काम करते हो?
मैंने कहा- काम की ही तलाश कर रहा हूँ.. लेकिन अब तक नहीं मिला इसलिए कल वापस गांव जा रहा हूँ।
तो रवीना कहा- मेरे घर पर काम करोगे?
मैंने कहा- मैं आपके क्या काम का?
तो रवीना ने कहा- मेरे ड्राईवर का काम कर लोगे.. वैसे भी गाड़ी काफी अच्छी चलाते हो। मेरे घर में एक नीचे वाला कमरा भी खाली है।

मैं बहुत खुश हुआ।

अब तक हम उनके घर पर पहुँच गए। बाहर तैनात कुछ गार्ड्स ने उनको उनके कमरे में पहुँचाया, मैं भी साथ ही था। कुछ देर बाद सभी गार्ड भी चले गए।

रवीना बिस्तर पर लेट गई और उसने मुझसे कहा- चोट ज्यादा नहीं है.. तुम वो सामने जो दवा पड़ी है.. बस वो लगा दो।
मैं वो उठा कर लाया और खड़ा हो गया।
फिर रवीना ने कहा- लगाओ!

रवीना ने उस वक्त ब्लैक कलर की शार्ट ड्रेस पहनी हुई थी। उसने अपनी छोटी स्कर्ट को ऊपर उठाया तो रवीना की गोरी-गोरी टांगों और जांघों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।

रवीना ने कहा- लगाओ.. देख क्या रहे हो?
मैंने कहा- रवीना जी, आपके पैर काफी अच्छे हैं।
रवीना ने ‘थैंक्स..’ कहते हुए बोला- अब देखते ही रहोगे क्या.. लगाओ भी!

मैंने उसके पैरों को अपनी जाँघों पर रखा और हल्के हाथ से दवा मलते हुए पैरों की मालिश करने लगा।

अय हय.. क्या मुलायम और चिकने पैर थे.. मेरा लंड कड़क तो था ही, साला छूने भर से तड़प उठा।

मैंने रवीना के नाम की कई बार मुठ मारी थी। आज उसे अपने सामने देख कर मेरी हालत ख़राब हो रही थी। मैंने जैसे-तैसे दवाई लगा दी।

रवीना को मेरा खड़ा लंड अपने पैरों पर महसूस होने लगा था, जिससे उनको पता चल गया था।

रवीना ने कुछ मजाक भरे स्वर में कहा- कैसा लग रहा है?
मैंने शर्माते हुए कहा- बहुत मजा आ रहा है।
फिर वो खुल कर बोली- तुम्हारा लंड मुझे चुभ रहा है।

मैं उनकी इस बिंदास बात से एकदम से अवाक रह गया। मैंने कहा- सॉरी मेम..
रवीना बोली- कोई बात नहीं.. चल आज तू आज अपनी ख्वाहिश पूरी कर ले।

वो उठी और उसने आगे बढ़ कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और बोली- वाह.. क्या बड़ा लंड है तुम्हारा..!

उसने नीचे बैठते हुए मेरा खड़ा और रस छोड़ता हुआ लंड अपने मुँह में ले लिया। रवीना के मुँह में लंड क्या गया, मैं तो सातवें आसमान पर उड़ने लगा था।
रवीना टंडन के मुँह में मेरा लंड… मुझे यह सोच कर ही उत्तेजना हो रही थी।

उसके चूसने से मैं जल्द ही झड़ गया.. और वो मेरा पूरा रस पी गई।

फिर मैंने रवीना को बिस्तर पर लिटाया और अपने सारे कपड़े उतार डाले। फिर आगे बढ़ कर मैंने रवीना के कपड़े भी उतारे और उसको सिर्फ ब्रा और पेंटी में ला दिया।

अब रवीना के होंठों को मैं चूसने लगा और साथ-साथ उसके तने हुए बोबे भी दबाने लगा।

हय.. क्या मुलायम चूचे थे!

फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके रसीले मम्मों को दबाते हुए पीने लगा.. आह्ह.. क्या बॉडी थी रवीना की, समझो पूरी चाटने के लिए ही बनी थी।

रवीना भी चुदासी हो उठी थी और कामुक सीत्कारें ‘आह आह..’ कर रही थी।

अब मैंने रवीना को उल्टा किया और उसकी गांड को दबाने लगा। मैं रवीना की गांड का बहुत बड़ा फैन हूँ। मैंने अब उसकी छोटी सी पेंटी भी उतार दी।

रवीना की गोरी चिकनी और बड़ी-बड़ी गांड मेरे सामने नंगी हो गई थी। मैं पागलों की तरह उसकी गांड को चाट और दबा रहा था। मैं अति उत्तेजना में उसकी गांड के छेद पर अपनी जीभ घुमाते हुए गांड चाटने लगा।

रवीना कराह उठी और बोली- और जोर से.. चाट ले पूरी..!
मैं और जोर से जीभ को नुकीली करता हुआ उसकी गांड में अन्दर-बाहर करने लगा।

फिर मैंने उसे सीधी करके देखा तो रवीना की चिकनी गुलाबी और पाव की तरह उठी हुई चूत मेरे सामने थी, मैं पागल हो रहा था। मैंने उसकी चूत पर एक चूमा किया और टांगों को फैला दिया।

अब मैं अपना पूरा मुँह चूत के ऊपर लगा कर चूत को चाटने लगा।
वाह.. क्या स्वाद था उसकी रसीली चूत का!

अब तक रवीना तड़प उठी थी, वो बोली- प्लीज़ अब और इंतज़ार मत करवाओ।
लेकिन मैं तो चूत ही चाटता रहा.. वो ‘आह आह.. आ आ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई माँ मर गई..’ जैसी कामुक आवाजें निकालने लगी।

फिर रवीना बोली- अब देर मत करो.. तुम फाड़ ही दो मेरी चूत को!
मैं फिर से उसकी चुची को मसलने लगा और मैंने ऊपर को होते हुए अपने लंड को रवीना के मुँह में डाल दिया, वो आइसक्रीम की तरह लंड को चाटने और चूसने लगी।

अब मैंने कहा- रवीना मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ।
वो चुदासी सी बोली- सब कुछ मार डाल मेरे राजा.. सब तो खुला पड़ा है।

यह सुनते ही मैंने रवीना को उल्टा किया और कुतिया की पोजीशन में होने को कहा, वो लपक कर कुतिया बन गई।

अब रवीना की मोटी रसीली चिकनी गांड मेरे सामने थी.. मैंने दोबारा गांड पूरा चाटा और गांड के छेद पर थूक लगाकर उंगली अन्दर डाल कर लंड के लिए जगह बनाई।

रवीना ने कामुक सिसकारी भरते हुए कहा- जल्दी से फाड़ दे मेरी गांड..
मुझ में जोश आ गया, अब लंड का सुपारा उसकी गांड के छेद पर टिकाया और एक ही झटके में पूरा लंड गांड में पेला तो वो सरसराता हुआ अन्दर घुसता चला गया।

रवीना जोर से चिल्लाई- आअईई.. धीरे चोद..
मैंने उसकी चीख को अनसुना किया और धक्के देना शुरू कर दिया।

अह.. क्या मस्त मजा आ रहा था.. ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड को किसी गर्म भट्टी में घुसा हो।

अब रवीना भी उछल-उछल कर गांड मरवा रही थी.. मैं चुदाई के साथ-साथ उसकी गोरी गांड पर जोर-जोर से थप्पड़ भी मार रहा था। गांड पर चमाट की आवाज मुझे और जोश दिला रही थी।

मैं कुछ मिनट तक रवीना की गांड मारता रहा.. फिर मैंने सारा माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया।
अब रवीना ने लंड को रूमाल से पोंछ कर उसे चूसा और फिर से खड़ा कर दिया।

फिर मैंने रवीना की चूत को भी बहुत देर तक चोदा और रवीना को चुदाई के लिए ‘थैंक्यू..’ बोला।
रवीना ने कहा- आज चुदाई का असली मजा आया, मेरे पति तो बाहर ही रहते हैं और उनका लंड भी छोटा सा है। आज से तुम ही मेरी मेरी प्यास बुझाओगे।
मैंने कहा- ठीक है मेम!

अगले दिन से मैं रवीना की कार में उसकी गांड मारता और घर पर चूत चोदता।

मित्रो, अंत में मुझे बस एक ही बात लिखनी है कि काश यह मेरी सेक्स स्टोरी सच हो जाए। आपको कैसी लगी मेरी फ़ैंटेसी यानि कल्पना? जरूर बताइएगा।
kamvasnastories69@gmail.com

Click the links to read more stories from the category बॉलीवुड फैन्टेसी or similar stories about Oral Sex.

Loading read count...

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

केवल 18+ वयस्कों के लिए

इस वेबसाइट की सामग्री केवल वयस्क (18 वर्ष से अधिक आयु) व्यक्तियों के लिए है। वेबसाइट पर प्रकाशित सभी कहानियाँ पूरी तरह से काल्पनिक हैं और केवल साहित्यिक मनोरंजन के उद्देश्य से बनाई गई हैं। हम किसी भी प्रकार की अश्लील सामग्री, आपत्तिजनक व्यवहार या अवैध गतिविधि को समर्थन या प्रोत्साहन नहीं देते। कृपया इस साइट का उपयोग अपने विवेक, आयु और स्थानिक कानूनों के अनुसार करें।

इस साइट का उपयोग करते समय आपकी गोपनीयता सुरक्षित रहती है। आप जो भी सामग्री एक्सेस करते हैं, वह पूरी तरह आपकी व्यक्तिगत पसंद और जिम्मेदारी के अंतर्गत आता है।