Loading...

Kamvasna

nangi ladki ki kahani

मौसी और पापा की देखी चुदाई

What did you think of this story
 0 0

Nangi Ladki Ki Kahani में मैं नानी के घर गया तो मेरी जवान मौसी की वासना बेकाबू थी. वे मुझे अपने जिस्म से खेलने को कहती थी. एक बार मैंने मौसी को पापा के साथ देखा.

यह करीब पचास साल पुरानी बात है. तब परिवार में कई कई बच्चे हुआ करते थे.

मैं एक बार अपनी नानी के घर गया था।
वहाँ मैं और मेरी मौसी एक साथ छत पर सोते थे।
मेरी मौसी मुझसे 2 साल ही बड़ी थी.

छत पर रात के तारों के नीचे सोना मुझे हमेशा अच्छा लगता था।
हवा ठंडी होती थी और मौसी की हँसी से माहौल और भी सुहाना हो जाता था।

एक दिन मौसी ने मुझसे कहा, “आज हम दोनों नीचे चलते हैं और कमरे में सोएँगे!”
हम दोनों कमरे में आ गए।

कमरा छोटा-सा था लेकिन साफ़-सुथरा।

एक पुराना-सा पलंग था, जिस पर मोटी-सी तलाई बिछी थी।

मौसी ने मुझसे कहा, “अशोक, मेरे स्तन दबा दे!”
मैं थोड़ा हिचकिचाया।
मैंने कभी-कभी मम्मी और पापा को रात में ऐसे पल बिताते देखा था, लेकिन मैंने ऐसा कुछ कभी नहीं किया था।
मैंने कहा, “नहीं!”

मौसी ने मेरी बात अनसुनी कर दी।
उन्होंने अपनी साड़ी और कपड़े उतार दिए।
फिर उन्होंने मेरे कपड़े भी उतार दिए।

अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।
मौसी ने मुझे खूब चूमना शुरू कर दिया।
उन्होंने मुझसे कहा, “तू भी मुझे चूम, अशोक!”

मैं भी डरते-डरते उनके होंठों को चूमने लगा।

मौसी ने मुझे अपने ऊपर कसकर चिपका लिया।
उनकी त्वचा गर्म थी, और मेरे दिल की धड़कनें तेज़ हो गई थीं।

मौसी ने फिर कहा, “इनको भी दबा दे!”

मुझे कुछ ज़्यादा नहीं मालूम था; मैं बस वही करता गया जो मौसी कह रही थीं।
मेरे लिए यह सब नया और अजीब था।
मैं बस बहता चला गया, बिना ज़्यादा सोचे-समझे।

फिर कुछ दिनों बाद, हम लोग अपने घर वापस आ गए।

मौसी की वो रात मेरे दिमाग़ में एक धुंधली-सी याद बनकर रह गई।

Nangi Ladki Ki Kahani आगे पढ़ें.

छह महीने बाद, मेरी मौसी हमारे दिल्ली वाले घर में आईं।
उनका आना हमेशा एक उत्सव की तरह होता था।
उनकी हँसी, उनकी बातें, और उनका प्यारा सा व्यवहार घर में एक नई ताजगी ला देता था।

लेकिन उस दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसने मेरी नन्हीं-सी दुनिया को हिला दिया।

उस दिन घर में सिर्फ़ मौसी और पापा थे।

माँ बाज़ार गई थीं, और मैं अपने कमरे में कुछ पढ़ रहा था।

तभी मैंने हल्की-सी हँसी और बातचीत की आवाज़ सुनी।
उत्सुकता ने मुझे खींच लिया और मैं चुपके से ड्राइंग रूम की ओर बढ़ा।

वहाँ मैंने देखा कि पापा ने मौसी को अपनी बाहों में लिया हुआ था।

मौसी का चेहरा लाल हो रहा था और उनकी आँखों में एक अजीब-सी चमक थी।
मौसी धीरे से बोलीं, “जीजाजी छोड़ो ना, अशोक देख रहा है!”

पापा ने हँसते हुए मुझसे कहा, “बेटा, बाहर जाकर खेल ले!”
मैंने जवाब दिया, “हाँ, मैं जा रहा हूँ!”

लेकिन मेरी जिज्ञासा ने मुझे रोक लिया।

मैंने बाहर जाने का नाटक किया और चुपके से सोफे के पीछे छुप गया, जहाँ से मैं सब कुछ देख सकता था।

पापा ने मौसी के गालों को चूमा, फिर धीरे-धीरे उनके होंठों को चूसने लगे।

दोनों एक-दूसरे को इतनी कसकर पकड़े हुए थे मानो दुनिया में सिर्फ़ वही दो लोग हों।
मौसी की साँसें तेज़ हो रही थीं और उनकी आँखें आधी बंद थीं।

फिर पापा ने मौसी की लाल रंग की कमीज़ को धीरे-धीरे उतार दिया।
अब मौसी सिर्फ़ काली ब्रा और सलवार में थीं।

उनकी गोरी त्वचा रोशनी में चमक रही थी।
पापा की नज़रें मौसी के शरीर पर टिकी थीं और उनके चेहरे पर एक अजीब-सी भूख दिख रही थी।

तभी पापा ने मौसी के स्तनों को दबाना शुरू किया।
उनकी उंगलियाँ ब्रा के ऊपर से नरम-नरम दबाव डाल रही थीं।

फिर उन्होंने ब्रा के ऊपर से ही मौसी के स्तनों को चूसना शुरू कर दिया।
मौसी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह्ह! ओह्ह!”

उनकी आवाज़ में एक मिश्रित सा दर्द और आनंद था।
मैं छुपा हुआ सब देख रहा था और मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा था।

पापा ने रुकने का नाम नहीं लिया।
उन्होंने मौसी की सलवार का नाड़ा खींचा, और सलवार फर्श पर गिर गई।

अब मौसी सिर्फ़ ब्रा और कच्छी में थीं।
उनकी टाँगें थोड़ी काँप रही थीं लेकिन वे पापा की बाहों में पूरी तरह समा गई थीं।

पापा ने मौसी को बिस्तर पर लिटा दिया।
उनका बेडरूम हल्का अंधेरा था लेकिन खिड़की से आती रोशनी में सब साफ़ दिख रहा था।

पापा ने मौसी के पूरे शरीर को चूमना शुरू किया — उनके कंधों से लेकर उनकी कमर तक।
फिर उन्होंने मौसी की ब्रा उतार दी।
मौसी के स्तन अब पूरी तरह नंगे थे।

पापा ने मौसी की कच्छी भी उतार दी।
अब मौसी बिल्कुल नंगी थीं।
नंगी लड़की की Xxx त्वचा चमक रही थी और उनकी साँसें और तेज़ हो गई थीं।

पापा उनके ऊपर लेट गए, उनके शरीर को दबाते हुए, और बार-बार चूम रहे थे।

तभी पापा ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।
उनकी शर्ट, पैंट, और फिर अंडरवियर—सब कुछ कुछ ही पलों में फर्श पर था।
मैंने देखा कि पापा का लिंग एकदम बड़ा और तना हुआ था।
मेरे लिए यह दृश्य नया और हैरान करने वाला था।

पापा मौसी को दबाए जा रहे थे और मौसी ने भी पापा को कसकर पकड़ लिया था।
उनकी उंगलियाँ पापा की पीठ पर गहरे निशान छोड़ रही थीं।

तभी पापा ने अपना लिंग मौसी के हाथ में दे दिया।
मौसी ने लिंग को ऊपर-नीचे करना शुरू किया और पापा ने अपने हाथ से मौसी की योनि को मसलना शुरू कर दिया।
तब मौसी की सिसकारियाँ और तेज़ हो गई थीं।

मौसी बोलीं, “जीजाजी, आज मुझे खूब प्यार करो! मैं तो कब से चाहती थी कि आप मुझे नंगी कर दो और फिर प्यार करो! आज मेरी मन की चाहत पूरी हो रही है!”

पापा ने मुस्कुराते हुए अपना लिंग मौसी की योनि के पास लगाया।
फिर एक ज़ोरदार झटके के साथ उन्होंने लिंग अंदर डाल दिया।

मौसी चिल्लाईं, “मर जाऊँगी मैं तो!”
उनकी आवाज़ में दर्द था लेकिन साथ ही एक अजीब-सा आनंद भी।

पापा ने धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होना शुरू किया।
मौसी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।

पापा ने पूछा, “मौसी, अच्छा लग रहा है ना?”
मौसी ने सिसकते हुए कहा, “हाँ!”

अब पापा की गति तेज़ हो गई।
उनका लिंग मौसी की योनि में बार-बार अंदर-बाहर हो रहा था।

मौसी की सिसकारियाँ अब और तेज़ हो गई थीं।
दोनों के शरीर एक लय में हिल रहे थे।

मैं छुपा हुआ सब देख रहा था और मेरा दिमाग़ इस दृश्य को समझने की कोशिश कर रहा था।

लगभग पंद्रह मिनट की इस तीव्र चुदाई के बाद पापा मौसी के ऊपर ही लेट गए।
उनकी साँसें तेज़ थीं और वे हिल नहीं रहे थे।

मौसी की आँखें बंद थीं और उनके चेहरे पर एक अजीब-सी शांति थी।
कुछ देर बाद मौसी बोलीं, “छोड़ दो मुझे!”

पापा ने हँसते हुए कहा, “नहीं, अभी तुझे एक बार और चोदना है! आज से तू मेरी बीवी है!”
मौसी ने शरमाते हुए जवाब दिया, “हाँ, आज से मैं तुम्हारी बीवी हूँ! जब चाहो चोद लेना मुझे!”

पापा ने फिर से मौसी को चूमना शुरू किया।
मैं देख रहा था कि पापा का लिंग फिर से बड़ा होने लगा।

कुछ ही देर में वह फिर से पूरी तरह तन गया।
पापा ने फिर से मौसी की योनि में लिंग डालना शुरू किया।

मौसी अब पूरी तरह मस्त हो चुकी थीं।
उनका शरीर पापा के हर धक्के के साथ हिल रहा था।
उनकी सिसकारियाँ अब और भी तेज़ थीं।

पापा और मौसी की यह दूसरी चुदाई और भी तीव्र थी।

पापा बोले, “आज तो मैंने तुझे लड़की से औरत बना दिया है!”
मौसी ने जवाब दिया, “हाँ, आज मैं औरत बन गई हूँ!”

मौसी ने पापा को ज़ोर से पकड़ रखा था।
उनके नाखून पापा की पीठ में गहरे धँस रहे थे।
पापा मौसी को चोदते रहे, और यह सिलसिला पंद्रह-बीस मिनट तक चला।

जब पूरी चुदाई खत्म हुई, पापा उठे और मौसी के होंठों को एक बार फिर चूस लिया।

फिर उन्होंने अपने कपड़े पहने और कमरे से बाहर चले गए।
मौसी थोड़ी देर बाद उठीं।
उन्होंने अपने कपड़े पहने और अपने बालों को ठीक किया।

उनका चेहरा अब भी लाल था और उनकी आँखों में एक अजीब-सी चमक थी।

मैं चुपके से उनके पास गया।

मौसी ने पूछा, “अशोक, तू कहाँ गया था?”
मैंने जवाब दिया, “कहीं नहीं, मैं तो यहीं था!”

फिर मैंने पूछा, “आप नंगी क्यों हो गई थीं और पापा को भी नंगा कर दिया?”
मौसी ने हँसते हुए कहा, “ये बात बाद में बताऊँगी, जब तू बड़ा हो जाएगा!”

इस तरह मैंने अपनी मौसी और पापा के बीच यह अंतरंग पल देखा।
मेरे मन में कई सवाल थे लेकिन मैं चुप रहा।
बाद में मुझे समझ आ गया था कि बढ़ती उम्र में नयी तरंग थी मौसी के जिस्म में!

मेरे पास और भी ऐसे अनुभव हैं, जो मैं बाद में बताऊँगा।
आपको मेरी सच्ची Nangi Ladki Ki Kahani कैसी लगी?
kamvasnastories69@gmail.com

Click the links to read more stories from the category जीजा साली की चुदाई or similar stories about कामुकता.

Loading read count...

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

केवल 18+ वयस्कों के लिए

इस वेबसाइट की सामग्री केवल वयस्क (18 वर्ष से अधिक आयु) व्यक्तियों के लिए है। वेबसाइट पर प्रकाशित सभी कहानियाँ पूरी तरह से काल्पनिक हैं और केवल साहित्यिक मनोरंजन के उद्देश्य से बनाई गई हैं। हम किसी भी प्रकार की अश्लील सामग्री, आपत्तिजनक व्यवहार या अवैध गतिविधि को समर्थन या प्रोत्साहन नहीं देते। कृपया इस साइट का उपयोग अपने विवेक, आयु और स्थानिक कानूनों के अनुसार करें।

इस साइट का उपयोग करते समय आपकी गोपनीयता सुरक्षित रहती है। आप जो भी सामग्री एक्सेस करते हैं, वह पूरी तरह आपकी व्यक्तिगत पसंद और जिम्मेदारी के अंतर्गत आता है।