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Kamvasna

Mosi Ki Chudai

तलाकशुदा कुंवारी मौसी की चुदाई

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Mosi Ki Chudai का मजा लिया मैंने जब हम दोनों एक शादी में गए हुए थे. उनका पति नामर्द था तो वे उसे छोड़ कर आ गयी थी. मौसी लंड की प्यासी थी.

दोस्तो, मेरा नाम मोहन है, मेरी उम्र 34 साल है.
मैं शरीर से न ही मोटा हूँ और न ही पतला हूँ.
मेरा कद 5 फुट 11 इंच है. लंड 7.5 इंच लम्बा व 3 मोटा है.

मैं हिसार का रहने वाला हूँ.

मेरे परिवार में मां और एक छोटा भाई है. मां हाउस वाइफ है.
पापा जी का देहांत हो गया है. मेरी शादी हो गई है और दो बच्चे हैं.

मैं शेयर मार्किट का काम करता हूँ, तो अच्छी कमाई आ जाती है.

ये Mosi Ki Chudai कहानी मेरी सेक्स लाइफ के बारे में है, जिसमें बहुत सारे किरदार आये और चुद कर गए.
इसमें शुरूवात हुई मेरी मां की बुआ के देवर की बेटी विमला से यानि दूर की मौसी के साथ.

वे मुझसे उम्र में 6 साल बड़ी थीं.
ये तब की बात है, जब मैं 19 साल का था.
मेरी मौसी की शादी हो गई थी पर वह लड़का, मर्द नहीं निकला.

मौसी के घर वालों ने उनका तलाक करवा दिया.
पर शादी हो जाने के बाद उनकी चुत की आग अब जल चुकी थी और लंड की भूख तो लंड से ही शांत होती है.

उनके नामर्द पति ने उनकी गर्म चुत पर अपना मुर्दा लंड रगड़ कर उन्हें प्यासा छोड़ दिया था.

मैं पहले आपको अपनी मौसी की फिगर के बारे में बता देता हूँ.

मेरी मौसी 25 साल की जवान 34-30-36 की साइज की गोरे रंग वाली किसी ही मर्द को पहली नजर में कामुक कर देने वाली आइटम थीं.
उनकी गांड से भी नीचे आते हुए रेशमी बाल किसी को भी पागल कर सकते थे.

मैं उनसे मेरे मामा के लड़की की शादी पानीपत में मिला था.
उनका घर मेरे मामा के घर से थोड़ी दूर एक गांव में था.

दुल्हन की शादी की शॉपिंग होनी थी उसकी जिम्मेदारी मौसी और मुझ पर आ गई थी.
इस वजह से मैं बहुत खुश था कि मुझे उनके साथ रहना है.

मैं इस मौके को जाने नहीं देना वाला था.
बाइक पर वे जब पीछे बैठीं, तो मैं जानबूझ कर ज्यादा भीड़ वाले रास्ते से ले गया ताकि बार बार ब्रेक मार सकूँ और उनके आम से ज्यादा रसीले चूचों को अपनी पीठ में महसूस कर सकूँ.

मैंने वैसा ही किया और यह सब होने पर भी मौसी ने कुछ नहीं कहा.
शादी के दिन मौसी दुल्हन के साथ थीं और उसको तैयार करवा रही थीं.

तो वहां आई हुई औरतें दुल्हन को छेड़ रही थीं कि सुहागरात वाले दिन तेरा पति तेरे चूचों को ऐसे बड़ा करेगा, ऐसे चूसेगा.
और इसी के साथ साथ वे सब एक दूसरे के दूध दबा कर उसे दिखा भी रही थीं.

एक ने कहा कि वह तुझे पूरी नंगी करेगा. तेरी चुत को रगड़ेगा.
यह कह कर एक औरत ने दुल्हन की चुत में उंगली कर दी.

ये सब देख कर मौसी गर्म होने लगीं और वहां से भाग आईं.

मैं ऊपर नहाने की तैयारी में सिर्फ कच्छा पहने खड़ा ब्रश कर रहा था, तभी मौसी ऊपर आ गईं.

उनको तेज तेज सांसें लेता देख और उनके चूचों को ऊपर नीचे होता देख मेरा लंड अपनी औकात दिखाने लगा.
मौसी मेरे लंड को देखे जा रही थीं.

वे लौड़े को देख कर और ज्यादा गर्म हुई जा रही थीं.
उनकी नजरें मेरे लौड़े पर ही टिकी थीं.

मैं समझ गया कि मौसी मेरे लंड को देख रही थी.

वे वासना में अपने होंठों को चबा रही थीं कि तभी उनकी मां ने उन्हें आवाज लगा दी.

मौसी अपने आप को सम्भालती हुई नीचे गईं और कुछ देर में बात कर के भागती हुई ऊपर आईं.

मैं नहाने लगा था और मौसी को याद करके अपने लंड को हिलाने लगा.
बीच बीच में मैं विमला विमला नाम ले रहा था.

मौसी मुझे बाथरूम में उनका नाम लेता देख अचम्भे में थीं.
वे अन्दर देखने की कोशिश करने लगीं और वे इसमें कामयाब भी हो गईं.

वे मेरा लंड देख कर बहुत खुश हुईं.
मेरा काम हो चुका था और उसी वक्त मेरे लंड ने हिचकोले लेते हुए माल फेंकना शुरू कर दिया.

फिर नहा कर मैं बाहर आया तो मैंने मौसी को कमरे में इंतजार करते पाया.
पर उनके कपड़ों को देख कर मुझे ऐसा लगा कि वे खुद अपने चूचों और चुत को सहला रही हों.

मौसी मुझे देख कर मेरे लंड को ही घूर रही थीं और मेरे बोलने पर अपने आपको सम्भालती हुई बोलीं- जल्दी चल … हमें मेरे घर जाना होगा!
मैं समझ तो गया था कि इनको अब जल्द से जल्दी लंड लेने की कामना है.

मैंने जल्दी से कपड़े पहने और पूछा- ऐसा क्या हो गया?
तो उन्होंने कहा- तू चल तो सही, रास्ते में मैं सब बता दूंगी.

मैं और मौसी बाइक पर चल दिए.
वे कहने लगीं- मां सुबह गाय को सानी (खाना) देना भूल गई थीं और वे मेरे कपड़े लाना भी भूल आईं.

कुछ ही देर में हम उनके घर आ गए.
पहले उन्होंने गाय को चारा आदि दिया, उसी दौरान उन्होंने मुझे कमरे में जाने को कहा.

मैं रूम में जाकर लेट गया.

मौसी ने वहां एक कुत्ते को किसी कुतिया को चोदते हुए देखा.
वे काफी देर तक उन दोनों की चुदाई को देखती रहीं और गर्म होने लगीं.
वे अपने चूचों को दबाने लगीं.

मौसी को ज्यादा टाइम लेता देख कर मैं बाहर आकर उनके पास गया और वहां का नजारा देख कर मैं भी गर्म होने लगा.

तभी मौसी को लगा कि कोई उनके पीछे खड़ा है, तो वे घूमकर देखने लगीं.

मैं अपने लंड को पेन्ट के ऊपर से मसल रहा था.
मेरी और मौसी की नजरें मिलीं और हम दोनों वासना के वश में एक दूसरे के करीब आ गए.

हम दोनों एक दूसरे के गले लग गए.
मुझे लगा कि यही सही टाइम है मोहन, चोद दे मौसी को!

मैंने मौसी का चेहरा अपने दोनों हाथों से ऊपर किया तो मौसी की आंखें बंद थीं.

मौसी ने बहुत ही आराम से आंखें खोलीं और जोर से मेरे गले से लटक गईं.
मैंने उनके होंठों से अपने होंठों को लगा कर किस करना शुरू कर दिया.

हम दोनों की ये किस काफी देर तक चलती रही.
इतने में गाय की आवाज ने मौसी की मदहोशी को तोड़ा और वे मुझसे अलग हो गईं.

वे शर्मा कर मुझसे अलग होकर रूम में भाग गईं.
मैं उनके पीछे पीछे गया और उन्हें पीछे से पकड़ लिया.

मैंने मौसी का मुँह अपनी तरफ किया तो देखा कि उनकी आंखें वासना से लाल हो गई थीं.
मैंने उनको एक बार फिर गले लगा कर किस करना शुरू कर दिया.

साथ के साथ मैं अपने एक हाथ को उनके एक चूचे पर ले गया और दबाने लगा.
मौसी की आह निकल गई.
वे पीछे घूम गईं.

मैंने पीछे से उन्हें पकड़ लिए और उनके दोनों चूचों को पकड़ कर दबाने लगा, उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
मौसी अब गर्म हो चुकी थीं, उनकी सांसें तेज हो गई थीं.

वे एक बार फिर से घूम गईं और अपने आप मुझे किस करने लगीं.
मैंने उनकी कमीज उतार दी.

वे बस मुझे किस करती हुई पूरे मुँह पर करने लगीं.
इसी बीच मैंने उनकी ब्रा खोल दी और उनके चूचों को आजाद कर दिया.

मैं उनके चूचों के साथ खेलने लगा, मौसी ने मेरी शर्ट उतार दी.
वे मुझे मेरे जिस्म पर किस करने लगीं. मैंने मौसी को बेड पर धक्का दे दिया, वे बेड पर गिर गईं.

मैंने बनियान उतार दी और उनके चूचों को किस करने लगा, निप्पल को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा.
मौसी मेरे सिर को सहलाने लगीं.

मैं कभी उनके एक दूध को दबाता और दूसरे को चूसता, तो कभी उनके दूसरे दूध को चूसते हुए पहले वाले को मसलने लगा.
मौसी वासना में पागल हो रही थीं.

फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी सलवार में डाल दिया और उनकी चुत को सहलाने लगा.
मौसी ने अपनी सलवार खोल दी.

मैं समझ गया और उनकी सलवार निकाल दी.
अब मौसी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थीं.

मेरा लंड बाहर आने को कूदने लगा.
मैंने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए.

मैं मौसी की चुत को किस करने लगा.
इससे मौसी बिन पानी वाली मछली की तरह तड़पने लगीं.

फिर मैं अपनी जीभ से मौसी को चोदने लगा, एक हाथ से चूचों को दबाने लगा और एक हाथ से मौसी की चुत में उंगली करते हुए जीभ से चोदने लगा.
मौसी मेरे सिर को अपनी चुत में दबाने लगीं और वे कुछ ही देर में झड़ गईं.

मैंने उनकी चुत को जीभ से चाट कर साफ कर दिया.
मौसी मुझे ऊपर को खींचने लगीं.

मैं ऊपर को हुआ तो मौसी मुझे लिटा कर मेरे ऊपर आ गईं और मेरे होंठों को किस करने लगीं.
वे किस करती करती धीरे धीरे नीचे आती रहीं.

अगले कुछ पलों बाद उन्होंने मेरे लंड को हाथ से मसलते हुए अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
दोस्तो, मैं बता नहीं सकता उस वक्त मुझे क्या सुकून मिल रहा था.

मौसी थोड़ी देर तक लंड चूसती रहीं और उसके बाद वे मेरे होंठों पर किस करने लगीं.
उन्होंने बहुत ही धीरे और प्यार से कहा कि मुझे अपनी बना लो.

मैं समझ गया और उन्हें लिटा कर उनकी टांगों के बीच आ गया.
मैंने एक बार फिर से अपनी जीभ को उनकी चुत को चाटा और लंड को चुत के मुँह पर लगा कर अन्दर पेलने लगा.

मौसी अभी तक कुंवारी थी, तो लंड को अन्दर जाने में तकलीफ हो रही थीं.
तभी मैंने एक जोर का धक्का मारा, तो मेरा अभी आधा ही लंड अन्दर गया कि मौसी की चीख निकल गई.

उन्होंने बेडशीट को दोनों हाथों से जोर से पकड़ लिया. उनके आंसू निकल आए.
ये देख मैं थोड़ा रुक गया और उन्हें किस करने लगा.

मौसी की चुत में घुसे उतने ही लंड को मैं हौले हौले अन्दर बाहर करने लगा.
उन्हें मजा आने लगा और उनका दर्द भी कुछ कम हो गया.

मैंने एक बार लंड बाहर निकाला और वापस एक जोर का धक्का दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.

मौसी ज़ोर से चीख उठीं … मैं वासना में अंधा हो गया था और अब मुझे उनकी कोई चीख रोकने में असफल थी.
मैंने धक्के मारना बंद नहीं किए … बस बस लंड अन्दर बाहर करता रहा.

कुछ देर में मौसी का दर्द कम हुआ, तो अब वे भी मेरा साथ देने लगीं.
वे अपनी गांड को उठा उठा कर मेरे लंड से मुकाबला कर रही थीं.

कुछ देर में मैं और मौसी एक साथ झड़ गए और मैं मौसी के ऊपर ही लेट गया.
मौसी प्यार से मेरे सिर को सहलाने लगीं.

हम दोनों ऐसे ही चिपके हुए सो गए.
अचानक से फोन की घंटी बजी, तो हमारी आंख खुली.

मौसी उठीं और फोन पर बात करने लगीं.
फोन कटने के बाद बेड को देखा और हैरान हो गईं.
उनकी चुत की सील टूटने के कारण बेडशीट खू/न से लाल थी.

मैं उन्हें देख कर खुश हो रहा था.
मौसी भी मुझे खुश होता देख कर मुस्कुराईं और मुस्कुराती हुई बोलीं- चलो अब जल्दी से कपड़े पहनो और चलो.

मेरे उठते ही उन्होंने चादर उठा कर उसी से पहले अपनी चुत साफ की और तैयार होने लगीं.
इस बीच में खुद को साफ करके आया तो उन्होंने मुझे दूसरी बेडशीट दी और बेड पर बिछाने को कहा.

मैंने तैयार होकर बेडशीट बिछा दी.

मौसी थोड़ी देर में तैयार हो गई और खू/न वाली चादर को छुपा दी.
मुझे गले से लगाया और शादी में चलने को बोला.

हम दोनों शादी में आ गए और अपने अपने काम में लग गए.

मौसी के साथ मेरी दूसरी बार की चुदाई धर्मशाला में हुई थी.
इसके बाद मौसी मुझे अपने पति की तरह देखने लगी थीं.
शादी में खाने के समय उन्होंने मेरे साथ ही खाना खाया.

रात को फेरों में काफी देर हो जाने के कारण मुझे और मौसी को धर्मशाला में मेरी मां के साथ एक ही कमरे में सोना था.

जब ये बात मौसी को पता चली, तो वे मेरे लिए एक दूध ले आईं.
मैंने उनसे पूछा, तो उन्होंने साथ रुकने वाली बात बताई.

मैं खुश हो गया.

फेरों के बाद सब लोग अपने अपने सोने की जगह चले गए.
मेरी मां बेड पर जाते ही सो गईं, वे बहुत थक गई थीं.

मुझे मां का पता था कि वे इतना थक जाने के बाद जल्दी से उठने वाली नहीं कर.

मैंने रूम में आते ही दरवाजा बंद कर दिया और मौसी पर टूट पड़ा.
मौसी डरती हुई बोलीं- दीदी जग गई तो?

मैंने उन्हें मां की नींद के बारे में बताया.
वे खुश हो गईं.
मॅाम सिस ने मुझे लेटे हुए गले लगा लिया और किस करने लगीं.

मैंने सोने के लिए एक कंबल जमीन पर बिछाया और उस पर लेट गया.

मौसी मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगीं.
एक हाथ से मेरे लंड को जगाने लगीं.

हम दोनों ने बिना पूरे कपड़े उतारे ही सेक्स करने की बात ठीक समझी.

वे मेरे लंड को बाहर निकाल कर चूसने लगीं.
थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे उठने का इशारा किया.

मैं उठा तो वे लेट गईं.
मैं उनकी दोनों टांगों को अपने सिर के दोनों ओर रख कर उनकी सलवार को आधा नीचे करके मौसी की चूत को चूसने लगा.

थोड़ी देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड चुत में पेल दिया और चोदने लगा.
हम दोनों कुछ देर ऐसे ही सेक्स करते रहे. फिर मैं लेट गया और मौसी को लंड पर बैठने को कहा.

मौसी मेरे लंड पर कूदने लगीं.
मैं भी मौसी के चूचे दबाने लगा.

काफी देर में मौसी झड़ गईं, पर मेरा नहीं हुआ था.
मौसी अपने आपको सही करके मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

कुछ देर में मैं उनके मुँह में झड़ गया.
उन्होंने लंड को चूस कर साफ कर दिया और हम दोनों बेड पर चिपक कर सो गए.

दोस्तो, ये मेरी पहली लिखी सेक्स कहानी है, जो सच में मेरे साथ हुई थी.
Mosi Ki Chudai कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.
kamvasnastories69@gmail.com

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