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Kamvasna

Bhabhi Sex Kahani

कश्मीर में भाभी की जबरदस्त चुदाई

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कश्मीर Bhabhi Sex Kahani में मैंने अपने फुफेरे भाई के साथ सपत्नीक कश्मीर घूमने गया. ट्रेन में उसकी बीवी से मेरी सेटींग हो गयी. हमने प्लान बनाकर होटल ने पूरी रात चुदाई की.

नमस्ते दोस्तो व प्यारी भाभियो,
मेरा नाम मल्हार है और मेरी कद काठी सामान्य ही है. मैं दुबला पतला हूँ परंतु मेरे हथियार का साइज काफी बड़ा है.
मैं नागपुर का रहने वाला हूँ.

कामवासना पर मैं रोज हॉट कहानी पढ़ता रहता हूँ. फिर जब सेक्स कहानी पढ़ते पढ़ते गर्म हो जाता हूँ, तो हाथ से मुठ मार लेता हूँ. उस वक्त मुझे मुठ मारने में बड़ा सुख मिलता है.

यह कश्मीर Bhabhi Sex Kahani मेरी भाबी (मेरी बुआ की बहू) की है.
उनका सही नाम तो मैं नहीं बता सकता, फिर भी नाम तो होना चाहिए इसलिए उन्हें पिंकी कह कर सेक्स कहानी लिख रहा हूँ.

पिंकी भाभी का फिगर 34-28-36 का है.
वे दिखने में इतनी ज्यादा गोरी हैं कि उनके सामने मक्खन भी हाथ जोड़ कर माफी मांगने लग जाए.

उसी दरमियान मैं, मेरी बीवी और मेरे इन्हीं भाई और पिंकी भाबी ने कश्मीर जाने का प्लान बनाया.
हम सब तैयारी करके ट्रेन में बैठ कर कश्मीर के लिए निकल गए.

हमारी टिकट सेकंड एसी की थीं.
रात को सभी ने खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे.

उस समय दस बजे का समय हो गया था.
अपनी अपनी बर्थ को सैट करके उस पर बिस्तर डालने लगे.

उसी वक्त अचानक से मैं अपनी भाबी से गलती से चिपक गया.
यह सब अचानक से हुआ था तो मैंने भाबी से सॉरी बोला.

परंतु उस समय भाबी के चहरे की चमक और कुछ बोल रही थी.
तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- कोई बात नहीं, हो जाता है.

फिर मैं बीच की बर्थ पर लेट गया और मेरी बीवी सामने बीच की बर्थ पर सो गई.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.

करीब बारह या साढ़े बारह बजे के आस-पास भाबी अचानक अपनी बर्थ से उठीं और सीधी खड़ी होने की कोशिश करने लगीं.
उस वक्त ट्रेन बहुत जोर जोर से हिल रही थी, तो भाबी सही से खड़ी होने की कोशिश कर रही थीं.
उसी दौरान भाभी का हाथ एकदम से मेरे हथियार पर पड़ा, तो मैं भी अचानक से कराहता हुआ उठ गया.

भाबी बोलीं- सॉरी!
मैंने भी अपने लौड़े को दबाते हुए कहा- योर वेलकम!

भाभी ने मस्त सी मुस्कान दे दी और अपनी गांड मटकाती हुई बाथरूम की ओर चली गईं.
मैं उनके हाथ का अपने लंड पर पड़ा अहसास करता रहा.

वे बहुत देर बाद आईं और एक हाथ से अपना बिस्तर बराबर करने लगीं.
उनका दूसरा हाथ मेरी बर्थ पर था.
मैं आंखें मूंदे उनकी हरकत होने का इंतजार कर रहा था.

तभी उन्होंने धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया और फिर से मेरे हथियार से चिपका दिया.
मैं भी करवट लेते हुए जरा सामने को हो गया और अब मेरा हथियार उनके हाथ के ऊपर आ गया.

अब भाभी समझ गईं कि देवर भी सब समझ रहा है.
उन्होंने धीरे से दो बार मेरा हथियार सहला दिया.
उनके हाथ के स्पर्श से मेरे लंड में भी तनाव आने लगा.

कुछ देर बाद उन्होंने अपना हाथ हटा दिया और अपनी बर्थ पर लेट गईं.

कुछ देर तक कोई हलचल नहीं हुई तो मैंने समझ लिया कि भाभी सो गईं.
करीबन दो बजे मैं अपनी बर्थ से नीचे उतरा और अपनी चप्पल ढूंढने लगा.

उस वक्त मैंने भाबी को धीरे से टच कर दिया.
उनको नींद आ गई थी तो उन्होंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया.

मैंने इधर उधर देखा और धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा कर उनके सीने पर रख दिया और फिर से चप्पल ढूंढने का नाटक करने लगा.

अब शायद वे जाग गई थीं और मेरे हाथ को उन्होंने महसूस कर लिया था.
वे एक बार हल्की सी हिलीं, इससे मुझे समझ में आ गया कि भाभी जाग गई हैं.

मैं अपने हाथ को बदस्तूर उनकी चूचियों पर रखे रहा और जब उनकी तरफ से कोई हलचल नहीं हुई तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.

अब मैं धीरे धीरे उनके एक दूध को दबाने लगा.
दूध दबाने से भी भाभी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
तो इस बार मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए और उनकी चुम्मी ले ली.

इस बार भाभी थोड़ी सी हिलीं तो मैं अलग हो गया और वहां से सीधा बाथरूम की ओर चला गया.
मुझे लगा कि भाबी उठ गई होंगी तो मैं कुछ देर बाथरूम में ही खड़ा रहा था.

मैंने अपने बाथरूम का दरवाजा भी नहीं लगाया था कि शायद वे आ जाएंगी.
हालांकि मैं अब तक पूरी तरह से आश्वस्त नहीं था कि भाभी आ ही जाएंगी.

तभी एकदम से दरवाजा खुला तो मैं कुछ डर गया कि कोई और न आ गया हो.
मैंने सर उठा कर देखा तो सामने भाबी खड़ी थीं.

वे बोलीं- अभी तू ही था ना … मेरे सीने पर क्या कर रहा था?
उस समय उनके चेहरे पर गुस्सा झलकने लगा था.

दोस्तो, क्या ही बताऊं आपको … उस समय मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि काटो तो खून नहीं.
एक मिनट तक नीचे मुँह लटकाए खड़ा रहा, तभी अचानक से भाबी ने कहा कि क्या हुआ, कुछ बोलो भी?

मेरे मुँह से शब्द ही नहीं निकल रहे थे.

तभी भाबी अचानक से अन्दर आ गईं और उन्होंने बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया.
ये सब अचानक से कब हुआ, मुझे कुछ समझ ही नहीं आया.

अब भाबी के सामने मैं घुटनों पर बैठ गया और उनसे माफी मांगने लगा.
तभी भाबी ने मेरे सिर पर हाथ रख कर अपनी ओर खींच लिया.

मेरा मुँह उनकी साड़ी में नीचे उनकी पैंटी पर लग गया था.
मैं उनसे माफी मांगे जा रहा था.

तो वे बोलीं- बिल्कुल चुप हो जा!
मैं चुप हो गया.

वे मेरे सिर को सहलाने लगीं.
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर उन्होंने मुझे उठाया और बोलीं- मैं तो मजाक कर रही थी!
यह सुनकर मेरी जान में जान आई और मैं उनके गले से लग गया.

भाबी भी मुझसे चिपकने लगीं, उन्होंने भी मुझे पकड़ लिया.

थोड़ी देर बाद मैं बोला- भाबी जी, आपने तो मुझे डरा ही दिया था!
वे हंस कर बोलीं- और तू वहां मेरी किस लेने लगा था, कोई देख लेता तो?

मैंने फिर से सॉरी बोला.
भाबी- अगर किस लेना है, तो यहां ले ले … अभी जितनी चुम्मियां लेनी है, ले ले. पर बर्थ पर ऐसा मत करना. उधर तेरे भैया देख लेते तो बड़ी गड़बड़ हो जाती.

मैंने फिर से अपने होंठ भाबी के होंठों पर रख दिए और एक लंबा किस लेने लगा.

भाबी जी मुझसे अलग होकर बोलीं- क्या पूरा चूस ही लेगा?

मैं फिर से भाबी जी को गले लगा कर अपना हाथ उनके कमर व पीछे उनकी गांड पर फेरने लगा.

भाबी जी बोलीं- अभी बस कर, कश्मीर के लिए तो कुछ छोड़ दे!
मैं- भाबी जी कश्मीर में कैसे करेंगे, वहां सब साथ में होंगे!
भाभी जी बोलीं- तुम ही कुछ सोचो!

मेरा खुराफाती दिमाग काम में लग गया.

जल्द ही मेरे दिमाग में एक आईडिया आ गया.
मैंने वह आइडिया भाभी को बताया.

तो वे बोलीं- ठीक है, पर ये आइडिया काम करेगा … मुझे नहीं लगता.
मैं बोला- शत प्रतिशत काम करेगा. बस आप साथ दे देना।

फिर हम दोनों कुछ देर के प्रेमालाप के बाद एक एक करके अपनी अपनी बर्थ पर जाकर सो गए.

दूसरे दिन हम सब कश्मीर आ गए.
उधर थोड़ा घूम फिर कर हम अपने अपने कमरे में आ गए.

वहां ठंड बहुत ज्यादा थी तो मैंने भाई को बाहर बुलाया और कहा- ठंड बहुत है भैया, चलो रम पीकर आते हैं.

हम दोनों वैसे तो साथ में शराब नहीं लेते, परंतु उधर बहुत ठंड लग रही थी तो भाई राजी हो गए.
वे बोले- ठीक है चल!

हम दोनों गए और दो दो पैग लगा लिए.
उतने में भाई ने कहा- तेरी भाबी को भी बहुत ठंड लग रही है.

तो मैंने कहा- हां मेरी बीवी को भी लग रही होगी.
भाई ने आंख दबा दी.

मैंने कह दिया- चलो, आज उन दोनों को भी पिला देते हैं.

पर हम दोनों की बीवियों ने कभी शराब की सुगंध भी नहीं ली तो पिलाना नामुमकिन था.

भाई बोला- उनको कैसे पिलाएं?
मेरा खुराफाती दिमाग़ फिर से चलना चालू हुआ.

मैंने भाई से कहा- कोई मेडिकल से दवाई की बोतल लेकर उसे खाली करके उसमें रम डाल देते हैं.
मेरा भाई बोला- वाह यार क्या दिमाग लगाया है.

हमने वैसे ही किया.

एक हाफ रम से दो बोटल दवा बना ली और रूम में चले गए.

फिर अपनी अपनी बीवी से कहा- तुमको ठंड लग रही है तो उसके लिए हमने मेडिकल वाले के पास से ये दवाई ली है, इधर के लोग इसी दवा के सहारे सर्दी सहन करते है. इसे पी लो तो ठंड बहुत कम लगेगी.
वे दोनों मान गईं.

यह ही मेरा प्लान था, जो मैंने भाबी को ट्रेन में बताया था.
उस प्लान के मुताबिक पहले मैंने गिलास में दोनों के लिए 60 एम एल का हार्ड पैग बनाए और उसमें पानी डाल कर गिलास भर दिए.

जैसे ही मैंने दोनों के हाथ में गिलास दिए तो भाभी बोलने लगीं- इसकी तो बहुत बेकार सी गंध आ रही है.

मेरे भाई की तो मानो एकदम से फट गई.
फिर मैंने स्थिति संभाली और कहा- ये कोई शरबत थोड़ी है, जो आप दोनों को सुगंध आएगी. ये दवाई है … इसे नाक बंद करके पी लो.

दोनों ने वैसे ही किया और पूरा गिलास एक घूंट में खाली कर दिया.
उनके मुँह कड़वे हुए तो मैंने झट से भुने हुए काजू की प्लेट उनके आगे कर दी.

भाभी ने झट से चार काजू एक साथ खाए तो मेरी बीवी ने भी उनका अनुसरण किया.

अब हम दोनों भाई एक दूसरे का मुँह देखने लगे.

मेरी बीवी ने कहा- इसमें आपने पानी ज्यादा डाल दिया था.
मैंने कहा- ओके अब की बार अपने हाथ से बना लो.

मैंने भाबी को आंखों से इशारा कर दिया, तो वे बोलीं- लाओ मुझे दो, मैं डालती हूँ.

उन्होंने मेरे हाथ से दोनों बोटल ले लीं और मुझसे भी ज्यादा शराब मेरी बीवी के गिलास में डाल दी और पानी सिर्फ एक घूंट के बराबर का डाला.
भाबी ने थोड़ा कम लिया और मेरी बीवी को ज़्यादा दे दिया.

इस बार भी उन दोनों ने एक ही घूंट में गिलास खाली कर दिया.
हम दोनों भाई आश्चर्यचकित हो गए कि ये दोनों तो पक्की पियक्कड़ सी लग रही हैं.

मैंने भाभी से पूछा- क्या और लाऊं?
भाबी तो कुछ नहीं बोलीं.

मेरी बीवी बोली- हां एक बोतल और ले आओ. सर्दी तो एकदम से भाग गई.

हम दोनों भाई कमरे से निकले तो मेरा भाई बोला- अब मत ले, उन दोनों को चढ़ गई है.
मैंने कहा- ले लेने दो, रात को नींद अच्छी आ जाएगी.

उनको एक बोतल देकर हम दोनों भाई वहां से यह बोल कर बाहर निकल गए कि कल घूमने का इंतजाम देख कर आते हैं.

बाहर आकर मैंने भाई से बोला कि दोनों औरतों ने बॉटल ख़त्म कर दी है.
तो भाई बोला- हां साली दोनों ऐसी पी रही थीं, जैसे रोज पीती हैं.

मैंने भी मौके का फायदा उठा कर बोल दिया कि चलो आज हम दोनों भी पी कर आते हैं, अब तो वे दोनों सो ही जाएंगी तो उनको पता भी नहीं चलेगा कि हमने कितनी पी है.

हम दोनों वहां एक बार में जाकर पीने लगे.
मैंने भी भाई को कुछ ज्यादा पिला दी.
वे पूरी तरह से नशे में आ गए.

मैं उनको सहारा देकर होटल में ले गया और होटल के आदमी को 500 का नोट देकर कहा कि सुबह तक के लिए मेरे भैया को सोने के लिए एक अलग से रूम दे दे. उनको बहुत ज्यादा हो गई है तो वह अपने रूम में नहीं जा सकते.
वह बोला- ठीक है सर!

उसने एक कमरा और खोल दिया.
हम दोनों ने मिल कर भैया को उस कमरे में सुला दिया.

मैं उस आदमी से बोला- इनका ध्यान रखना.
वह बोला- आप फ़िक्र मत करो साहब … आप आराम से जाओ, मैं सब देख लूंगा.

फिर मैं उन दोनों के कमरे में गया तो देखा कि मेरी बीवी तो बेड पर ऐसी पड़ी थी मानो न जाने कितनी ज्यादा दारू पीकर सोई पड़ी है.
मैंने अपनी बीवी को आवाज देकर कहा- चल अपने कमरे में चलते हैं. उधर ही सो जाना!

वह कुछ नहीं बोली.
मैंने उसको हिला कर उठाना चाहा, पर वह तब भी नहीं उठी.

Xxx plan के अनुसार काम होते देख उतने में भाबी उठीं और बोलीं- वह अब सीधी सुबह ही उठेगी.

भाभी जी को भी भरपूर नशा हो गया था.
वे बोलीं- मैंने तेरी बीवी को ज्यादा ही पिला दी थी.
मैं- ठीक है, मैं इसे रूम में ले जाता हूँ.

भाभी जी बोलीं- हां ठीक है, ले जाओ और सुला दो.
मैं उसको सुला कर भाभी जी के कमरे में आया और उनसे बोला कि भैया नीचे रूम में सो गए हैं. उनको भी ज्यादा हो गई है और उनसे ऊपर आना नहीं हो रहा था.

भाभी सिर्फ हूँ हां कर रही थीं.
मैंने प्लान के मुताबिक भाभी जी को बोला था कि आप सिर्फ मैं जो गिलास दूंगा, वह ही लेना … पर वे तो फुल टाइट लग रही थीं.

मैं सोचने लगा कि मेरा प्लान बेकार हो गया और मैं जाने लगा.
तभी भाभी जी ने आवाज दी और बोलीं- मेरे बैग से मेरी नाईट ड्रेस निकाल कर रख दो, फिर चले जाना. मैं बाथरूम से फ्रेश होकर आती हूँ.

वे बाथरूम में चली गईं.
तभी बाथरुम में कुछ गिरने की आवाज आई, तो मैंने जाकर देखा.

भाभी जी नीचे फर्श पर गिरी हुई थीं.
मैंने उनको उठाया और बाहर लाकर बेड पर लिटाया.

उनके कपड़े पूरी तरह से गीले हो गए थे.
दोस्तो क्या बताऊं, भाभी जी क्या माल दिख रही थीं.

एक तो इतनी ठंड और ऊपर से भाभी जी पूरी तरह से गीली थीं.
वे काँपने लगीं और बोलीं- प्लीज, मेरे कपड़े निकाल कर चेंज करवा दो.

मैंने भी मौके का फायदा उठाने की सोची और उनके कन्धे से साड़ी का पल्लू हटा दिया.
उनकी चूचियां मानो ब्लाउज से बाहर निकलने के लिए बेताब दिख रही थीं.

मैंने उनकी कमर से साड़ी निकाल कर एक तरफ फेंक दी.
अब भाभी जी सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में रह गई थीं.

उनको देख कर मेरा नशा और बढ़ गया.
मैंने अब उनके पेटीकोट का नाड़ा धीरे से खींच दिया और पेटीकोट टांगों से बाहर खींच लिया.

दोस्तो, आप यकीन नहीं करोगे, मैं उनकी संगमरमर जैसी चिकनी टांगें देख कर अपना नियंत्रण खो बैठा.

मैं तत्काल उनकी एक जाँघ पर किस करने लगा.

वे ठंड से कांप रही थीं, तब मुझे ध्यान आया कि भाभी जी का ब्लाउज भी खोलना है. जो कि पानी से पूरी तरह से भीग गया था.

मैं धीरे धीरे उनके ब्लाउज का बटन खोलते गया और जैसे जैसे ब्लाउज के बटन खुल रहे थे, वैसे वैसे मेरा लंड खड़ा होता जा रहा था.
कुछ ही पलों में भाभी जी मेरे सामने सिर्फ और सिर्फ टू पीस में थीं.

उन्होंने नेट की लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.
मैंने भाभी जी को थोड़ा पलटा कर उनकी ब्रा खोल दी.

फिर जैसे ही उनको सीधा किया … आह … क्या बताऊं दोस्तो, उनके दूध देख कर मैं हैरान हो गया.

उनके दोनों दूध बिल्कुल मक्ख़न के गोले थे और उनके मम्मों पर गुलाबी रंग के निप्पल्स तो ऐसे लग रहे थे जैसे गुलाब की पंखुड़ियां चिपका दी गई हों.
मैं सोच में पड़ गया कि भाभी जी के दूध इतने खूबसूरत हैं तो उनकी चूत कितनी सुंदर होगी.

मैं अपना ध्यान बड़ी मुश्किल से उनके निप्पलों से हटा कर उनकी चूत की तरफ ले गया.
मैंने उनकी पैंटी को निकाल कर फेंक दिया और सामने जो नजारा दिखा दोस्तो … मैं वह शब्दों में बयान नहीं कर सकता.

भाभी की चूत पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे मानो जैसे अभी अभी चूत की झांटों को शेव किया हो.
उनकी चूत बिल्कुल दूध जैसी सफेद … और उसकी दोनों फाँकों के बीच में उनकी चूत की गुलाबी रंगत कुछ ऐसी दिख रही थी मानो दूध में किसी ने जरा सा सिंदूर डाल दिया हो.

भाभी की चूत देख कर जैसे मुझे 6 गुना नशा हो गया था और मुझसे कन्ट्रोल बिल्कुल भी नहीं हो रहा था.
मुझे बस ऐसा लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी फ़ेवरेट चीज़ मिल गई हो.

मेरा मुँह मानो अपने आप उनकी चूत के पास जाने लगा था.
मैंने अपनी जीभ उनकी दूध जैसी चूत पर रख कर उनकी गुलाबी दरार में अन्दर डाल दी.

मेरी उतनी सी हरकत से ही भाभी जी भी कसमसा गईं और उनके मुँह से आवाज़ निकल गई.
उनकी कामुक आवाज सुन कर मुझ पर और खुमारी चढ़ गई.

करीब 15 मिनट तक मैं उनकी चूत चाटता रहा.
फिर मैं 69 के पोज में आ गया और अपना लंड भाभी जी के मुँह में डाल कर उनकी चूत चूसने लगा.

भाभी जी पूरी तरह से गर्म हो गई थीं और मुझसे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था.
मैं उठ कर चुदाई की पोजीशन में आया और अपना लंड मैंने एक बार में ही सीधा उनकी चूत की गहराई में उतार दिया.

मेरा मोटा लंड जैसे ही चूत में घुसा, मानो भाभी जी का नशा उतर गया और उनके मुँह से चीख निकल गई.
मैंने भाभी से कहा- चिल्लाने से कोई आ जाएगा.

उनकी आंख खुल गई और उन्होंने मुझको अपनी ओर खींच लिया.

वे बोलने लगीं- मल्हार, तेरा लंड तो बहुत लंबा और मोटा है यार … तेरे भैया का तो बहुत छोटा सा है. आज सही में लग रहा है कि मैं चुद रही हूं.

बस यह सुनते ही मैंने अपनी रफ्तार तेज कर दी.
सेक्स प्लान करके भाभी जी भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा लंड ले रही थीं.

तभी मैं रुक कर भाभी जी के कान में बोला- आप मेरा लंड कितना बढ़िया से ले रही हो, कुछ मेरी बीवी को भी समझाओ कि कैसे लिया जाता है. उसको कोई इंटरेस्ट ही नहीं है.
भाभी जी बोलीं- अभी तो तू मेरी चूत देख, मैं उसे बाद में देखती हूं. आह … अभी तू बस मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दे.

उस रात हम दोनों ने 3 बार चुदाई की.
दूसरे दिन भाभी जी बहुत ज्यादा खुश दिख रही थीं.
उनका सही वाला हनीमून तो मानो अब कश्मीर आकर मना था.

आज भी जब भी भाभी जी की मेरा बड़ा लंड लेने की इच्छा होती है तो वे मुझे फोन करके सिर्फ इतना बोलती हैं कि अब कहां घूमने जाना है!
मैं उनका ये कोड वर्ड समझ जाता हूं और अपना लंड उनकी गुलाबी चूत में पेल कर आ जाता हूँ.

अभी तक भाभी जी मेरे लंड का स्वाद ले रही हैं.

दोस्तो, समय मिला तो मैं भाभी जी की दूसरी सेक्स कहानी भी आपको अवश्य बताऊंगा.
चूंकि मैं कोई लेखक नहीं हूँ, तो सेक्स कहानी लिखने में मुझसे कई गलतियां हुई होंगी. प्लीज माफ़ करें!

कश्मीर Bhabhi Sex Kahani पर आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करेंगे.
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