Loading...

Kamvasna

Bhabhi Sex Kahani

भाभीजान की चुदाई से कोख हरी कर दी

What did you think of this story
 100% 0%

Bhabhi Sex Kahani में मेरे चचेरे भाई भाभी को बच्चा नहीं हो रहा था. भाभी ने बातों बातों में भाई की कमजोरी बता दी. बस मैंने भाभी को बच्चा देने का वादा कर दिया.

दोस्तो,
मेरा नाम साहिल … मेरी उम्र 30 साल है. मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
और मेरी भाभीजान का नाम कमर है.

ये दोनों नाम मैंने फ़र्जी बताए हैं.

मैं बहुत दिनों से ये Bhabhi Sex Kahani लिखने के बारे में सोच रहा था परंतु वक्त नहीं निकाल पा रहा था.
आज मैं आप सबके सामने अपनी और अपनी भाभी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ.
ये कहानी दो साल पहले की है.

मेरी भाभी की शादी को लगभग 12 साल हो गए हैं लेकिन उन्हें देखकर लगता नहीं कि उनकी शादी को इतना वक्त हो गया है.
उनकी अभी तक कोई औलाद भी नहीं हुई थी.

शायद इसी लिए अभी भी उनकी उम्र 25 साल से ज्यादा की नहीं लगती.
मेरी भाभीजान का फिगर लगभग 34-30-36 का है.
वे दिखने में एकदम अंग्रेजन सी गोरी हैं.

मैं शुरू से ही भाभी को चोदने के सपने देखता रहता था.

कमर भाभी मेरे ताऊ जी के बड़े लड़के की बहू हैं और उनका घर हमारे घर के बिल्कुल लगा हुआ ही है.
भाभी को चोदने के बारे में तो मैं हर वक्त ही सोचता रहता था और उनके बारे में सोचकर मुठ भी मारता था.

लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि मेरी भाभी भी मुझसे चुदाई करवाने के सपने देखती थीं.

चूंकि हम दोनों में से कोई शुरुआत नहीं कर रहा था, इसलिए यह बात अब तक खुली नहीं थी.

एक दिन ऐसा हुआ कि भाभी के मोबाइल में कुछ दिक्कत आ गई थी और वह बंद नहीं हो रहा था.

बाद में भाभी ने बताया था कि भाई ने उनके मोबाइल में पोर्न मूवीज देखी थीं जिस वजह से कोई वाइरस आ गया था और बार-बार नोटिफिकेशन आ रहा था.

भाभी से यह सब सही नहीं पा हो रहा था.

फिर भाभी ने मुझे अपना मोबाइल दिखाकर कहा- देवर जी, ये देखो … बार-बार ये नोटिफिकेशन आ रहे हैं, इन्हें किसी तरह से बंद कर दो.
मैंने भाभी से मोबाइल लेकर वे सब नोटिफिकेशन आने बंद कर दिए और उनसे पूछा कि यह सब तो सेक्स मूवीज देखने के कारण आने लगते हैं.

यह सुनकर पहले तो भाभी चुप रहीं, फिर अचानक से वे बोलीं- तुमको इस सबके के बारे में कैसे पता है?
मैं चुप हो गया.

फिर वे बोलीं- बताओ न … क्या तुम भी अपने भाई के जैसे सेक्स मूवीज देखते हो!
मैंने उनकी तरफ देख कर सवालिया नजरों से पूछा कि भाई को बीच में क्यों ला रही हो?

मेरे कुछ पूछने से पहले ही भाभी ने कहा- यह सब तुम्हारे भईया के कारण ही हुआ है. उन्हें ही ये सब गंदी फिल्में देखने का शौक है. उसी में ढीले हो जाते हैं.

जब उन्होंने भाई के लिए ‘ढीले हो जाते हैं’ कहा, तो मैं समझ गया कि भाभी को लंड की जरूरत है.
मैंने भाभी से कहा- क्यों ढीले क्यों हो जाते हैं? आप उन्हें साथ नहीं देती हो क्या?

वे पहले तो खुल नहीं रही थीं … फिर वे उदास सी हो गईं.
मैं समझ गया कि भाई के लौड़े में दम नहीं है … इसी लिए वे चुदाई की मूवी देख कर खुद को ठंडा कर लेते हैं और भाभी गर्म बनी रह जाती हैं.

मैंने फिर उन्हें कुरेदा- भाभी मुझे चाचा कब बना रही हो?

मेरे इस सवाल पर वे रोने लगीं और उनके मुँह से न जाने कैसे निकल गया कि मैं तो कब से दुआ कर रही हूँ कि किसी तरह मुझे औलाद का सुख मिल जाए, पर क्या करूं ऊपर वाले की क्या मर्जी है!

मैंने धीरे से कह दिया- ऊपर वाला तो मोबाइल में सेक्स मूवीज देख कर ढीला हो जाता है भाभी … फिर कैसे क्या होगा?

मेरी बात सुनकर भाभी की रोती हुई सूरत पर एकदम से हंसी छलक आई और वे जोर जोर से हंसने लगीं.
अब मैं उनके साथ सेक्स को लेकर खुलकर बात करने लगा.

भाभी काफी कुछ बताने को बेचैन थीं पर अभी भी कुछ संकोच था तो ढके-मुंदे शब्दों में ही सेक्स की बात हो पा रही थी.

उस दिन हमारे बीच इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ लेकिन इतना जरूर हो गया था कि मैं अब उनसे खुलकर सेक्स के बारे में बात करने लगा था.

कुछ ही दिन गुजरे थे कि मैंने भाभी से बोल दिया- मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ और आपकी चूत में अपना लंड डालना चाहता हूँ. इसी को आप ऊपर वाले की मर्जी मानो!
वे पहले तो मुझे देखती रहीं, फिर आँखें नचाती हुई बोलीं- कौन से ऊपर वाले की मर्जी है ये?

इस बार मैं हंस दिया और मैंने उन्हें अपने आगोश में भर लिया.
हालांकि वे एक पल बाद ही मेरी बांहों से अलग हो गईं.

इस बात से यह हुआ कि भाभी की हिचक कुछ कम हुई और वे अब मुझसे जब तब चिपकने लगी थीं.
बल्कि मैं यूं कहूँ कि मैं ही भाभी को अपनी बांहों में ले लेता था … और वे आ भी जाती थीं.

एक दिन मैंने उनसे कहा- आज मैं ऊपर वाला बनना चाहता हूँ!

मेरी यह बात सुनकर वे हँस दी और बात को यह कह कर टाल दी कि अभी सही मौका नहीं आया है!
उनकी इस बात से मैं समझ गया कि भाभी भी मुझसे चुदाई करवाना चाहती हैं.

फिर मैं उस दिन से भाभी की चुदाई के सपने और ज्यादा देखने लगा.

एक दिन ताऊ के घर सिर्फ भाभी और ताई अम्मी ही थीं.
भाभी अपने कमरे में लेटी हुई थीं और ताई व अम्मी दूसरे कमरे में सोई हुई थीं.

भाई किसी काम से बाहर गए हुए थे, तो मैं सीधा भाभी के पास जाकर उनसे सेक्सी बातें करने लगा.

भाभी भी मुझसे सेक्सी बातें करती हुई मजे लेने लगीं.
बातों-बातों में मैंने भाभी के होंठों पर किस कर दिया.
तो उन्होंने कुछ नहीं बोला और हँसने लगीं.

धीरे-धीरे मैं भाभी की गर्दन को चूमने लगा और एक हाथ उनकी चूची पर ले गया.
मेरी भाभी ब्रा नहीं पहनती थीं तो मेरा हाथ सीधा उनकी चूची पर ही पहुंच गया.

मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा और उनकी गर्दन के पास लगातार किस करता रहा.
कुछ देर में भाभी भी मेरा साथ देने लगीं और मुझे किस करने लगीं.

मैंने भाभी के कपड़े उतार दिए और उनकी चूचियों को चूसने लगा.
भाभी मेरे लंड के साथ खेल रही थीं.

फिर मैंने भाभी की चूत के ऊपर से हाथ फेरना शुरू किया.
भाभी की चूत बिल्कुल गर्म हो रही थी और उसमें से पानी निकल रहा था.

मैंने भाभी की चूत पर अपना मुँह ले जाकर पानी को चाट लिया और उनकी चूत में अपनी जीभ डालकर उन्हें और ज्यादा मजे देने लगा.
भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चाट रही थीं और मैं उनकी चूत को चूसने में लगा हुआ था.

भाभी के मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं- आह आह आह देवर जी … और चाटो मेरी चूत को!
कुछ ही देर में ही भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरे लंड से भी वीर्य निकल कर भाभी के मुँह में ही झड़ गया.

भाभी हंस कर बोलीं- ऊपर वाले ने गलत जगह पर बीज बो दिया है!
मैंने कहा- अब सही से बुआई होगी … मेरी कमर जान!

वे मेरे मुँह से अपना नाम सुनकर बड़ी खुश हुईं और मुझे प्यार से देखने लगीं.

अब हम दोनों अलग हो गए और चुदाई करने की तैयारी करने लगे.

हम दोनों चुदाई के लिए तैयार हो ही रहे थे कि तभी भाई के आने की आवाज़ सुनाई दी.

हम दोनों ने जल्दी से कपड़े पहने और अलग-अलग लेट गए.
उस दिन हमें चुदाई करने का कोई मौका नहीं मिला.

हम दोनों बहुत परेशान हो गए.
तभी भाभी ने मुझसे कहा- मैं कल तुम्हारे भाई के साथ दवा लेने जाऊंगी, तो कल भी हमें चुदाई का मौका नहीं मिलेगा.

मैंने भाभी से कहा- इससे अच्छा मौका और क्या होगा. भाई तो फ्री रहते नहीं हैं. क्यों न मैं आपको दवा दिलाने के लिए ले जाऊं? और फिर रास्ते में हम अपना काम भी कर लेंगे.
भाभी ने जवाब दिया- ठीक है, मैं उनसे पूछ लूँगी.

अगले दिन भाभी ने भाई से पूछ लिया.
भाई बोले- ठीक है, चले जाओ … वैसे भी मुझे बहुत काम है.

मैं भाभी को बाइक पर बिठाकर दवा लेने निकल गया.
दवा लेकर मैं भाभी को सीधे अपने दोस्त के फ्लैट पर ले गया.

वहां पहुंचते ही मैंने भाभी को बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया.
वे भी मेरा साथ देने लगीं.

दस मिनट तक मैं भाभी के होंठों को चूसता रहा; फिर उनके कपड़े उतारकर उन्हें पूरी तरह नंगी कर दिया.

मैं उनकी चूचियों को चूसने लगा और वे मेरे लंड को चूसने लगीं.

फिर मैंने भाभी की चूत में उंगली डालकर उन्हें तैयार करना शुरू कर दिया.
मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था और वे मदहोश हो रही थीं.

कुछ ही देर में उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- आह आह मर गई … आह आह.
मैं लगा रहा.

‘देवर जी, अब नहीं रहा जाता. जल्दी से अपना औज़ार मेरी चूत में डाल दो!’

मैंने उन्हें नीचे लिटाया और अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर लगाकर धक्का दे मारा.

एक ही धक्के में आधा लंड भाभी की चूत में चला गया.
भाभी की चीख निकल गई क्योंकि मेरा लंड भाई के लंड से लंबा और मोटा था.

मैं कुछ देर रुककर उनकी चूचियां चूसने लगा.

जब भाभी का दर्द कम हुआ तो उन्होंने कहा- देवर जी, अब धक धक करो!

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए और फिर पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
कुछ ही देर में भाभी को मज़ा आने लगा और वे मेरे साथ ताल मिलाकर धक्के लगाने लगीं.

मैं उनकी चूत में तेज़-तेज़ धक्के लगा रहा था और भाभी को चुदाई का बहुत मज़ा आ रहा था.

‘देवर जी और ज़ोर से चोदो. मेरी चूत को फाड़ दो आह आह मर गई … और ज़ोर से चोदो. देवर जी, बहुत मज़ा आ रहा है. चोदते रहो!’

मैंने कहा- भाभी, तुम्हारी चूत का मज़ा ही अलग है. आज से तुम्हारी चूत और मेरे लंड का मिलन हमेशा होता रहेगा.
फिर मैंने भाभी को अपने ऊपर ले लिया.

लौड़े के ऊपर आकर भाभी उछल-उछल कर चुदाने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में किया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.

आधा घंटा तक हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रही.

फिर मैंने भाभी से पूछा- भाभी, मनी कहां निकालूँ?
भाभी बोलीं- देवर जी अपना वीर्य मेरी चूत में ही निकाल दो! आज ऊपर वाले की मर्जी से मेरी कोख हरी कर दो.

मैंने सारा वीर्य उनकी चूत में ही गिरा दिया.

उसके बाद हमने दो राउंड और चुदाई की.
भाभी की चुदाई में बहुत मज़ा आया.

अब जब भी हमें मौका मिलता है, हम दोनों चुदाई का आनन्द उठा लेते हैं.

कुछ दिनों बाद भाभी प्रेग्नेंट यानी पेट से हो गईं और बच्चा होने के बाद वे मुझसे दुबारा चुदवाने लगीं.

उनके मम्मों में कुछ ज्यादा ही दूध आने लगा था और उनका बेबी उतना दूध नहीं पी पाता था तो मैं ही उनके मम्मों को चूस कर खाली करने लगा था.
यह बहुत मजेदार किस्सा है, इसे मैं अगली बार की सेक्स कहानी में विस्तार से लिखूँगा.

दोस्तो, प्लीज कमेंट करके जरूर बताना कि आपको मेरी Bhabhi Sex Kahani कैसी लगी?
kamvasnastories69@gmail.com

Click the links to read more stories from the category भाभी की चुदाई or similar stories about Indian sex stories.

Loading read count...

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

केवल 18+ वयस्कों के लिए

इस वेबसाइट की सामग्री केवल वयस्क (18 वर्ष से अधिक आयु) व्यक्तियों के लिए है। वेबसाइट पर प्रकाशित सभी कहानियाँ पूरी तरह से काल्पनिक हैं और केवल साहित्यिक मनोरंजन के उद्देश्य से बनाई गई हैं। हम किसी भी प्रकार की अश्लील सामग्री, आपत्तिजनक व्यवहार या अवैध गतिविधि को समर्थन या प्रोत्साहन नहीं देते। कृपया इस साइट का उपयोग अपने विवेक, आयु और स्थानिक कानूनों के अनुसार करें।

इस साइट का उपयोग करते समय आपकी गोपनीयता सुरक्षित रहती है। आप जो भी सामग्री एक्सेस करते हैं, वह पूरी तरह आपकी व्यक्तिगत पसंद और जिम्मेदारी के अंतर्गत आता है।