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Kamvasna

दोस्त-की-बीवी-को-चोद-दिया

दोस्त की बीवी को पटा कर चोद दिया

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भाभीXxx नॉनवेज़स्टोरी में मेरे दोस्त की बीवी मुझे बहुत पसंद आई. उनकी कोई औलाद नहीं हो रही थी तो मुझे उम्मीद थी कि शायद भाभी बच्चे के लिए मेरे से चुद जाये.

हैलो फ्रेंड्स, मैं विराट हरियाणा से हूँ. मेरी उम्र 30 साल है.

मेरे लंड का आकार असामान्य ही समझा जाना चाहिए क्योंकि यह साढ़े सात इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है.

मैं एक निजी कंपनी में सुपरवाइजर की पोस्ट पर हूँ.

यह भाभीXxx नॉनवेज़स्टोरी मेरे दोस्त की पत्नी की चुदाई की कहानी है.

मेरी दोस्ती सुनील के साथ हो गई जो मेरी ही तरह सुपरवाइजर है.
वह शादीशुदा है और उसकी पत्नी का नाम पूजा है.

पूजा की उम्र 28 साल है और उसका फिगर 34-30-36 का है.
उसके तने हुए दूध और उठी हुई गांड देखकर किसी का भी लंड पल भर में खड़ा हो जाए.

मेरी सुनील के साथ अच्छी दोस्ती हो गई.
मैं उसके घर भी जाने लगा.

पहली बार जब मैंने पूजा को देखा, तो मैं उसे देखता ही रह गया.
क्या मस्त सेक्सी औरत थी वह …

मैंने हाथ बढ़ाकर कहा- हैलो!
उसने भी हाथ मिलाते हुए जवाब दिया- हैलो.

उसके हाथ इतने नर्म थे कि मेरा लंड पैंट में ही खड़ा हो गया.

फिर मैं और सुनील हॉल में सोफे पर बैठ गए. मेरा लंड अभी भी खड़ा था.
पूजा चाय बनाने किचन में चली गई.

मैं उसकी मस्त गांड को देखता रहा जो बहुत सेक्सी और आकर्षक लग रही थी.

सच पूछो तो मेरा हाल बहुत बुरा हो रहा था.

थोड़ी देर बाद पूजा चाय लेकर आई.
मैंने सुनील से कहा- यार, मुझे बाथरूम जाना है.
सुनील ने पूजा से कहा- इसे बाथरूम दिखा दे.

मेरी पैंट ऊपर से उभरी हुई थी, क्योंकि मेरा लंड पूरे जोश में था.
शायद पूजा ने भी ये देख लिया था.

बाथरूम में जाकर मैंने देखा कि वहां पूजा की पैंटी और ब्रा टंगी हुई थी.
मैंने उसकी पैंटी को सूंघा, तो उसमें से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी.

मैंने लंड की मुठ मारनी शुरू की और जल्दी ही मैंने अपने लौड़े को सामान्य कर लिया.
फिर मैं वापस हॉल में सुनील के पास आकर बैठ गया.

मैं चाय पीने लगा.
सुनील ने कहा- बाथरूम में बड़ी देर लग गई? क्या पॉटी करने लगा था?

मुझे जबाव भी उसी ने दे दिया था तो मैंने कह दिया कि हां आज न जाने क्यों पेट कुछ गड़बड़ कर रहा है.
वह बोला- हो जाता है कभी कभी!

मैंने सुनील से कहा- यार, भाभी जी ने तो कमाल की चाय बनाई है. सच में तू बहुत किस्मत वाला है, जो तुझे पूजा जैसी पत्नी मिली!
पूजा ने हल्की सी मुस्कान दी और फिर किचन में चली गई.

मैं उसकी मस्त गांड को फिर से देखता रहा.
फिर मैं चाय पीकर अपने रूम पर चला आया.

इस तरह से अब मेरे फेरे कुछ ज्यादा ही अपने दोस्त के घर लगने लगे थे.
पूजा भी मुझसे प्रभावित दिखने लगी थी.

तब भी मैं कदम फूँक फूँक कर रख रहा था क्योंकि दोस्ती में जरा सी गलतफहमी बड़ी समस्या खड़ी कर देती है.

उसी दौरान मुझे एक बात की जानकारी हो गई थी कि वे दोनों पूजा को ब/च्चे न होने की वजह से परेशान थे.

मुझे समझ में आ गई कि पूजा को शायद मुझसे संतान का सुख मिलने की उम्मीद है.
मैं इस मुद्दे पर उनसे कुछ नहीं कहता था.

कुछ दिन बाद मेरे फोन पर एक मिस्ड कॉल आई.
जब मैंने वापस कॉल किया तो मैं हैरान रह गया क्योंकि वह मिस्ड कॉल किसी और की नहीं, पूजा की थी.

उसकी आवाज फोन पर बहुत सेक्सी लग रही थी.
हम दोनों फोन पर बातें करने लगे और कुछ ऐसा हुआ कि हम दोनों में धीरे-धीरे बातें बढ़ने लगीं.
फिर हम दोनों के बीच सेक्स चैट भी शुरू हो गई.

एक दिन मैंने पूजा से कहा- मेरी जान, अब रहा नहीं जाता!
उसने भी जवाब दिया- मुझसे भी अब रहा नहीं जाता!

उन्हीं दिनों मेरी और सुनील की शिफ्ट अलग-अलग हो गई.

सुनील की नाइट शिफ्ट लगी तो मैं उसके घर आ गया.
मैं बिलकुल उसी समय पर आया था जब सुनील का घर से निकलने का समय था.

मैंने बहाना बनाया कि कुछ पेपर देने आया हूँ, पर असल में मकसद कुछ और था.

सुनील ने पूजा से चाय बनाने को कहा.
पूजा ने मुझे हल्की सी मुस्कान दी और वह किचन में चली गई.

चाय पीने के बाद मैंने जाने की बात की, तो पूजा ने कहा- थोड़ी देर और रुक जाइए न!
सुनील ने भी कहा- हां यार, थोड़ा रुक जा न … पूजा का भी थोड़ा समय कट जाएगा.
मैंने कहा- ठीक है.

सुनील के जाने के बाद पूजा ने गेट बंद किया और वापस आ गई.

मैंने उसे अपनी बांहों में कसकर जकड़ लिया और उसके नर्म गुलाबी होंठों को चूसने लगा.

पूजा भी मेरा साथ देने लगी.
उसने काली साड़ी पहनी थी.
मैं उसे चूमते हुए एक हाथ से उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगा.

पूजा मादक सिसकारियां ले रही थी- स्स्स्स्स … आह्ह्ह … धीरे करो ना … स्स्स्स … आह्ह्ह.

जैसे ही मैं उसकी साड़ी उतारने लगा.
उसने मुझे रोक लिया और कहा- सारा काम यहीं करोगे क्या?

फिर हम दोनों उसके बेडरूम में गए.

बेडरूम का गेट बंद करते ही हम दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे को चूमने लगे.
मैंने उसकी साड़ी उतार कर कमर पर फंसा दी.

अब मैं अपने दोनों हाथों से उसके स्तनों को दबा रहा था और वह अपने हाथ से मेरा लंड टटोल रही थी.

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी साड़ी के अन्दर डाला और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा.

पूजा ‘स्स्स्स्स् आह …’ की आवाजें निकालने लगी और एक हाथ से पैंट के ऊपर से मेरे लंड को मसलने लगी.

लंड इस तरह से तन चुका था मानो वह पैंट को फाड़ने को तैयार हो.

हमने काफी देर तक एक दूसरे को खूब चूमा.
फिर मैंने पूजा की साड़ी हटाई और उसका ब्लाउज और पेटीकोट दोनों उतार दिए.

उसने लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.
अब मैंने ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए.

वह ‘म्म्म्म्म् आहह …’ की मदभरी सिसकारियां ले रही थी.
उसकी पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी.

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाला और एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.

उंगली अन्दर जाते ही उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और चूमने लगी.

अब मैं उसकी पूरी बॉडी को चूमता हुआ नीचे आ गया और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूमने लगा.
वहां से बहुत अच्छी सुगंध आ रही थी, जो मेरे लंड को और जोश में ला रही थी.

कुछ देर बाद मैंने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उसके रसीले दूध चूसने लगा.
कभी-कभी हल्का सा काट भी लेता.

वह बार बार चिहुंक रही थी और बार बार मुझे अपनी चुत पर खींच रही थी.

फिर मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया.
पूजा ‘म्म्म्म्म् स्स्स्स्स् …’ की कामुक सिसकारियां निकालने लगी और मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी.

कुछ मिनट चूत चाटने के बाद वह झड़ गई.
मैंने उसकी चूत का सारा पानी पी लिया, जो बहुत गर्म और स्वादिष्ट था.

अब वह खड़ी हुई और मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
जैसे ही उसकी नजर मेरे लंड पर पड़ी, वह देखती रह गई और फिर एक झटके से उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया.
वह पागलों की तरह लंड चूसने लगी.

अब मेरे मुँह से ‘आह ओह’ की आवाजें निकलने लगीं.
कभी वह पूरा लौड़ा अन्दर ले लेती तो कभी मेरी गोलियों को चूसने लगती.

सच में उसे लंड चूसने का बड़ा अच्छा अनुभव था.
लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे बेड पर चित लिटा दिया और मैं भी उसके साथ लेट गया.

वह मेरे ऊपर आ गई.
हम दोनों वापस से 69 पोजीशन में आ गए.

मैं उसकी चूत को गहराई से चूमने लगा और वह मेरा लंड चूसने लगी.

काफी देर बाद हम दोनों झड़ गए.
मैंने फिर से उसकी चूत का पानी पी लिया और उसने मेरे लंड का रस पी लिया.

मैं अपना सारा माल उसके मुँह में निकालने के बाद खुद को काफी हल्का महसूस कर रहा था.
जबकि वह मजे से मेरे लंड रस को पीकर अपने होंठों को जीभ से ऐसे चाट रही थी मानो बिल्ली को मलाई चाटने मिल गई हो.

अब हम दोनों सीधे होकर एक साथ लेट गए.
मैं उसके बूब्स चूसने लगा और वह मेरा लंड सहलाने और मसलने लगी.

मेरा लंड फिर से जोश में आ गया.

अब मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया.

मैंने फिर से 5 मिनट तक उसकी चूत चाटी.
वह तड़पने लगी और कहने लगी- अब अन्दर डाल दो. रहा नहीं जा रहा है!

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और थोड़ा सा धक्का लगाया.
मेरा आधा लंड उसकी रसभरी चूत में सरकता चला गया.

उसकी चूत थोड़ी टाइट थी, वह थोड़ा चिल्लाने लगी.
पर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में पहले ही जकड़ लिया था जिससे वह चीख नहीं पाई.

अब मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए और एक तेज धक्के के साथ अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

वह चीखने लगी.
मैं थोड़ी देर हिला नहीं और उसके बूब्स चूसने लगा.

वह मदभरी सिसकारियां लेने लगी- स्स्स्स् … आह्ह्ह … स्स्स्स.

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.

अब उसका दर्द कम होता जा रहा था.

मेरे मुँह से ‘आआह आह्ह’ की आवाजें निकलने लगीं.

पूजा भी जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी- अम्म्म् … स्स्स्स … आह्ह.

कुछ ही देर बाद उसका दर्द पूरी तरह से खत्म हो चुका था और वह मेरा पूरा साथ देने लगी.
उसकी चुदास मुझे मस्त कर रही थी क्योंकि वह गांड उछाल उछाल कर चुत चुदवाने लगी थी.

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी थी और जोर-जोर से उसकी चुदाई कर रहा था.

वह भी जोर जोर से कहने लगी- आह और तेज फक करो … आह और तेज चोदो मुझे आह!

उसकी इस तरह की आवाजों से मुझे भी जोश आने लगा.
करीब पंद्रह मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में ले लिया.

इस पोज में भी मैंने उसे 20 मिनट तक चोदा.
इस बीच पूजा एक बार और झड़ चुकी थी.
उसकी झड़ी हुई चुत में लंड पेलने से पूरे कमरे में फच-फच की आवाजें आने लगी थीं.

मैं पूरी तेजी से उसे चोदने में लगा था.
फिर अचानक से मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत के अन्दर ही निकाल दिया.
पूजा ने मुझे कसके पकड़ लिया.

मैं कुछ देर उसके ऊपर ही पड़ा रहा.

फिर हम दोनों अलग हुए.
उसके चेहरे पर एक अलग ही स्माइल थी.

उसने मुझे कसके चूमा और मैंने भी उसे चूमा.

मैंने उससे पूछा- मजा आया?
तो उसने कहा- आज जिंदगी में पहली बार चुदाई का इतना मजा आया है!

उस रात मैंने पूजा को 5 बार चोदा.

हर बार अलग अलग स्टाइल में चोदा जिससे उसे और भी ज्यादा सुख मिला.

आखिरी में हम दोनों बाथरूम में आ गए और मैंने उसे एक बार फिर से चोदा.

फिर सुबह 5 बजे मैं उसके घर से वापस निकल कर अपने घर चला आया.

बाद में मैंने पूजा की गांड भी मारी और उसकी एक सहेली को भी पूजा के कहने पर चोदा.

पूजा शायद खुद एक बांझ थी, जिसे ब/च्चा नहीं हो रहा था.
इसलिए उसने अपनी इस सहेली से बच्चा पैदा करवा कर अपने लिए मांगा था.

उसकी इस बात से सहमत होकर मैंने उसकी सहेली को प्रेगनेंट कर दिया था.
बाद में उसने अपने बेबी को पूजा को दे दिया था.

दोस्तो, आपको मेरी भाभीXxx नॉनवेज़स्टोरी कैसी लगी … प्लीज मुझे जरूर बताएं.
अगर कोई गलती हो गई तो सॉरी.
मुझे मेल करें.
kamvasnastories69@gmail.com

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